'Delhi Chalo' Protest: 'दिल्ली चलो' आंदोलन के लिए किसान बड़ी संख्या में सीमाओं के पास जुटे, कुरुक्षेत्र में रोकने के लिए पुलिस ने बरती सख्ती- देखें विडियो
विरोध करने के लिए दिल्ली जा रहे किसान (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़: केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ अपने प्रस्तावित जुलूस के लिए पंजाब के किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रेलर के साथ हरियाणा की सीमाओं के पास इकट्ठा होना शुरू कर दिया है. पंजाब के सैकड़ों किसान बुधवार सुबह से ही हरियाणा के साथ लगती अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जुटने लगे. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनके 'दिल्ली चलो' आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर उनके कूच को प्रतिबंधित कर दिया. एक एहतियाती कदम के रूप में, पड़ोसी राज्य भाजपा शासित हरियाणा ने प्रदर्शनकारियों के जुटने को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है. साथ ही, पुलिस ने राज्य के लगभग 100 किसान नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया.

पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब के लगभग 2,00,000 किसान 26 नवंबर से अपने 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत दिल्ली रवाना होने के लिए तैयार हैं. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के किसानों के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया है, ताकि यह साबित कर सके कि 'पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है.'

उन्होंने ट्वीट किया, "हम शांतिपूर्वक हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के मार्गो को अवरुद्ध करेंगे. सड़कों पर धरना शुरू करेंगे." राजेवाल ने राष्ट्रीय राजधानी जाने के लिए किसानों को रास्ता देने से इनकार करने पर खट्टर से सवाल किया.

33 संगठनों से जुड़े किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है जो 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में बेमियादी विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.

प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर जाने की अनुमति से वंचित रहने पर दिल्ली की सभी सड़कों को अवरुद्ध करने की धमकी दी है.

दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा, क्योंकि उनके पास शहर में विरोध करने की अनुमति नहीं है. हरियाणा पुलिस ने भी यात्रा दिशानिर्देश जारी किया है, जिससे यात्रियों को विरोध के मद्देनजर कुछ राष्ट्रीय राजमार्गो पर आवागमन से बचने के लिए कहा गया है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि 26 और 27 नवंबर को पंजाब से लगती राज्य की सीमा सील रहेगी. राज्य पुलिस के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि सिविल और पुलिस प्रशासन द्वारा विस्तृत व्यवस्था की गई है.

इन व्यवस्थाओं का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए उचित कानून और व्यवस्था बनाए रखना, यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के कार्य को सुचारु बनाना और सार्वजनिक शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करना है.

हरियाणा के भीतर प्रदर्शनकारियों का मुख्य फोकस चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग होंगे, जो दिल्ली की ओर जाते हैं, यानी अंबाला से दिल्ली, हिसार से दिल्ली, रेवाड़ी से दिल्ली और पलवल से दिल्ली.

प्रवक्ता ने कहा कि उचित कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, यह संभावना है कि पुलिस द्वारा 25, 26 और 27 नवंबर को ट्रैफिक डायवर्जन या रोड ब्लॉक कर दिया जाए.

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में 3 दिसंबर को कृषि कानूनों के मुद्दे पर विभिन्न किसान संगठन के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के केंद्र के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया था. उन्होंने कहा है कि आगामी वार्ता केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताओं के जल्द निवारण का मार्ग प्रशस्त करेगी.

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-एकता डकोंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि 'लंगर' (मुफ्त भोजन सेवा) तब तक चलेगी जब तक कि केंद्र सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती. उन्होंने कहा, "दो लाख किसानों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में यह एक ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन होगा. हम अपने विरोध प्रदर्शन से आधा इंच भी पीछे नहीं हटेंगे."