भारत में 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' (HCQ) का उत्पादन एक महीने में 35-40 करोड़ टैबलेट हो गया है और भारत में इस दवा की कमी नहीं है, इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडीएमए), गुजरात ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, इंडियन ड्रग मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन गुजरात क्षेत्र के चेयरमैन विरांची शाह (Viranchi Shah) का कहना है कि देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है. हम हर महीने 35 से 40 करोड़ टेबलेट बना सकते हैं. यह हमारी जरूरत का 10 गुना है, भारत में HCQ की कोई कमी नहीं है." यह दवा कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रही है.
इस महीने की शुरुआत में, भारतीय फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) ने कहा था कि फार्मा कंपनियां मांग को पूरा करने के लिए प्रमुख दवाओं के उत्पादन में तेजी ला रही हैं. IPA ने आश्वस्त किया कि देश में अन्य प्रमुख दवाओं के साथ-साथ घरेलू और निर्यात दोनों मांगों के लिए मलेरिया रोधी गोलियों 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' की पर्याप्त आपूर्ति है. यह भी पढ़ें- कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया के दिग्गज देशों ने भारत को कहा धन्यवाद, पीएम मोदी के काम को सराहा.
यहां देखें ट्वीट-
Our current production capacity of Hydroxychloroquine is 35-40 Cr tablets a month. This is 10 times more than our requirement. There is no shortage of HCQ in India: Viranchi Shah, Chairman, Indian Drug Manufacturers’ Association, Gujarat chapter pic.twitter.com/5fqLNRkRLa
— ANI (@ANI) April 24, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को देश में COVID-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 23 हजार के पार पहुंच गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में अबतक 23,077 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इस महामारी से अब तक 718 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 4748 लोग ठीक हुए हैं. वहीं 1 मरीज माइग्रेट हो चुका है. पिछले 24 घंटों में 37 मौतें और 1684 नए मामले सामने आए हैं.
दुनिया में आपूर्ति होने वाली कुल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन में भारत की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है. COVID-19 के स्थिति से पहले, एचसीक्यू को पारंपरिक रूप से मलेरिया और कुछ गठिया स्थितियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता था. पिछले सप्ताह में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि 83 प्रतिशत कोरोनोवायरस मामलों में कोमोर्बिडिटी थी और 75.3 प्रतिशत लोग जो वायरल संक्रमण के शिकार थे, 60 साल से ऊपर हैं. इसमें कहा गया है कि भारत में COVID-19 के कारण मृत्यु दर लगभग 3.3 प्रतिशत है और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के दुष्प्रभावों पर शोध चल रहा है.