![कोरोना वायरस से जंग: लार्सन एंड टुब्रो ने पीएम-केयर्स फंड में दिए 150 करोड़ कोरोना वायरस से जंग: लार्सन एंड टुब्रो ने पीएम-केयर्स फंड में दिए 150 करोड़](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/03/23-4-380x214.jpg)
कोरोना वायरस की महामारी के कहर के चलते पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है. लाखो लोग इस वायरस की चपेट में आने से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं हजारों की संख्या लोगों की जान जा चुकी है. इस कोरोना वायरस के प्रकोप से भारत भी अछुता नहीं है. भारत में भी कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार के पार हो गई है. जिसके बाद बचाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 14 अप्रैल तक 21 दिन के देशव्यापी संपूर्ण लोकडॉउन की घोषणा की जा चुकी है. इस संकट की घड़ी में पीएम मोदी ने देश की जनता से अपील कर प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने को कहा है. पीएम मोदी की इस अपील के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने दान दिया है और कई लोग दे रहे हैं. इसी कड़ी में इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने बड़ा ऐलान किया है.
लार्सन एंड टुब्रो ने प्रधानमंत्री राहत कोष में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिए पीएम केयर्स फंड को 150 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. लार्सन एंड टुब्रो से पहले टाटा ग्रुप, अडानी और मुकेश अंबानी ने भी पीएम मोदी के राहत कोष में अपना अहम योगदान दिया है. मुकेश अंबानी ने 500 करोड़ और रतन टाटा ने से 500 करोड़ रुपये और टाटा संस ने भी अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. वहीं गौतम अडानी ने 100 करोड़ का ऐलान कर दिया है. गौतम अडानी ने ट्वीट कर घोषणा की थी. यह भी पढ़ें:- Coronavirus: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग, रतन टाटा ने COVID-19 से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए देने का किया ऐलान.
ANI का ट्वीट:-
Larsen & Toubro Limited(L&T) has committed Rs 150 crores to the #PMCaresFund to support the fight against #COVID19 pic.twitter.com/m2zEoT1ljv
— ANI (@ANI) March 31, 2020
गौरतलब हो कि नामी-गिरामी उद्योगपतियों के साथ बॉलीवुड के कई बड़े अभिनेताओं ने भी पीएम मोदी राहत कोष में अपना अहम योगदान दिया है. इसके साथ देश की जनता भी अपने हिसाब से इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ खड़ी है और सहयोग कर रही है. बता दें कि कोरोना वायरस के कारण भारत में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए आर्थिक सहायता बेहद जरूरी है. ऐसे में देश के हर तबका मुश्किल वक्त में कंधे से कंधा मिलाकर ऐसे ही चला तो कोरोना वायरस को हारना ही पड़ेगा.