नई दिल्ली: मी टू विवाद में फंसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को बुधवार को तीन सदस्यीय जांच समिति ने मनगढ़ंत बताकर उन्हें मामले में क्लीन चिट दे दी है. समिति ने कम से कम दो महिलाओं के अरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ‘मनगढ़ंत' बताया. जौहरी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जांच समिति के चेयरमैन ने खारिज करते हुए कहा है कि राहुल जौहरी को बीसीसीआई के सीईओ पद पर बने रहना चाहिए.
बता दें कि जौहरी को पिछले तीन हफ्ते से छुट्टी पर जाने को कहा गया था लेकिन अब क्लीन चिट मिलने के बाद वे काम पर लौट सकते हैं. हालांकि जांच समिति के एक सदस्य ने उनके लिए ‘लैंगिक संवेदनशील काउंसिलिंग' की सिफारिश की है. इस मुद्दे पर दो सदस्यीय प्रशासकों की समिति का रुख बंटा हुआ था. सीओए प्रमुख विनोद राय ने जहां जौहरी के काम पर लौटने को स्वीकृति दी जबकि डायना एडुल्जी ने कुछ सिफारिशों के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की जिसमें काउंसिलिंग भी शामिल है.
Chairman of SC appointed Committee of Administrators (CoA) states Rahul Johri should continue as the CEO of BCCI and resume his duties, as a natural consequence, since there is no consensus between two members of CoA regarding what action should be taken against Rahul Johri pic.twitter.com/hOC6VTY8Q2
— ANI (@ANI) November 21, 2018
जौहरी पर लगे आरोपों को बताया आधारहीन
राहुल पर लगे यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रही समिति के प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा ने अपने निष्कर्ष में कहा, ‘कार्यालय या कहीं और यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे, आधारहीन और मनगढ़ंत हैं जिनका मकसद राहुल जौहरी को नुकसान पहुंचाना था. 'तीन सदस्यीय जांच समिति में दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और वकील कार्यकर्ता वीना गौड़ा भी शामिल थीं. वीना ने बर्मिंघम में चैंपियन्स ट्रॉफी के दौरान एक शिकायतकर्ता से ‘अनुचित बर्ताव' के लिए जौहरी की काउंसिलिंग की सलाह दी. वीना ने हालांकि कहा कि जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं बनता. सीओए ने 25 अक्टूबर को गठित इस समिति को जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया था. इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी सौंपी जाएगी. यह भी पढ़ें- वेस्टइंडीज के स्टार आल राउंडर ड्वेन ब्रावो ने कहा, बीसीसीआई ने की थी हमें नुकसान भरपाई देने की पेशकश
डायना इडुल्जी ने कहा सीईओ पद के लायक नहीं है राहुल
राहुल जौहरी को क्लीन चिट मिलने से सीओए की सदस्या डायना इडुल्जी ने अपनी असहमती जताई है. डायना ने कहा कि राहुल बीसीसीआई के सीईओ पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं. डायना ने कहा, 'मेरे नजरिए से इस तरह के प्रेरित और मनगढ़ंत आरोपों से महिलाओं के दर्जे को नुकसान होगा और उनके लिए काम के मौके कम होंगे. इस तरह की शिकायतों का महिलाओं के लिए समानता की लड़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.' सीओए ने 25 अक्टूबर को गठित इस समिति को जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया था. इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी सौंपी जाएगी. सीओए की सदस्य डायना एडुल्जी चाहती थीं कि बुधवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो और उन्होंने मांग की कि इसका अध्ययन करने के लिए उन्हें कम से कम कुछ दिन का समय दिया जाए.
राहुल जौहरी पर 3 महिलाओं ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि राहुल जौहरी के खिलाफ सबसे पहले यौन उत्पीड़न के आरोप एक ईमेल द्वारा लगाए गए थे जिसे ट्विटर पर डाला गया लेकिन बाद में इस पोस्ट को हटा दिया गया. पीड़िता का दावा था कि राहुल जौहरी की पिछली नौकरी में वह उनके साथ काम करती थी. इसके बाद दो अन्य आरोप जौहरी के खिलाफ लगाए गए. इसमें से एक सिंगापुर में रहने वाली मीडिया पेशेवर और एक अन्य महिला थी जो जौहरी के साथ उनके पिछले संस्थान में काम कर चुकी थी. इन दोनों महिलाओं ने स्काइप के जरिए सुनवाई में हिस्सा लिया. इसके अलावा जौहरी के खिलाफ बीसीसीआई की महिला कर्मचारी के साथ भी अनुचित व्यवहार का आरोप लगा.