नई दिल्ली: टेरर फंडिंग मामले की जांच का सामना कर रहे PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगा दिया गया है. दिल्ली-यूपी से लेकर देश के अलग-अलग ठिकानों पर ताबड़तोड़ एक्शन के बाद केंद्र सरकार ने UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. टेरर लिंक के आरोप में देश के कई राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद केंद्र सरकार ने यह एक्शन लिया है.
केंद्र सरकार ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया है. सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई पर पांच साल का बैन लगाया गया है. पीएफआई के अलावा उससे जुड़े अन्य आठ संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
PFI पर बड़ा एक्शन
केंद्र सरकार ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया। pic.twitter.com/3zvvRko3wW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2022
PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 100 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 247 लोग हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया है.