
बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के खिलाफ अब एक बड़ा मुकदमा शुरू हो गया है. उन्हें और उनकी सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया गया है. यह मामला 2024 में हुए छात्र आंदोलनों के दौरान हिंसक कार्रवाई से जुड़ा हुआ है.
क्या है मामला?
2024 में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर छात्र आंदोलन हुआ था. इस आंदोलन में लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे और शेख हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे थे. इन प्रदर्शनों को काबू में करने के लिए सरकारी सुरक्षा बलों ने जोरदार कार्रवाई की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए या घायल हुए.
बांग्लादेश के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने बताया कि जांच में सामने आया है कि शेख हसीना ने खुद इन कार्रवाइयों का आदेश दिया था. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों, अपनी राजनीतिक पार्टी और उससे जुड़े संगठनों को हिंसा फैलाने के लिए कहा था.
कितने लोग मारे गए?
ताजुल इस्लाम के अनुसार, इन हिंसक कार्रवाइयों में करीब 1,500 लोग मारे गए और 25,000 लोग घायल हुए. इसके समर्थन में वीडियो सबूत और एजेंसियों के बीच हुई गोपनीय बातचीत भी पेश की गई है.
गवाही देने वाले कौन हैं?
इस मामले में 81 लोगों को गवाह बनाया गया है, जिनमें कई चश्मदीद, अधिकारी और आंदोलन के दौरान घायल हुए लोग शामिल हैं.
शेख हसीना ने क्या किया?
लगातार बढ़ते विरोध और भारी दबाव के चलते शेख हसीना ने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपने परिवार समेत नई दिल्ली (भारत) भाग गईं. उन पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप हैं.
आगे क्या?
अब अदालत में इस केस की सुनवाई शुरू हो चुकी है. अगर शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें कड़ी सजा हो सकती है. यह मुकदमा बांग्लादेश के इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक ट्रायल माना जा रहा है.
शेख हसीना, जो लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं, अब मानवता के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रही हैं. इस मामले पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं.