VIDEO: गंगा को 'अपवित्र' कहने पर नीतीश राणे ने भी राज ठाकरे को घेरा, कहा; 'किसी को हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार नहीं'
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Nitish Rane On Raj Thackeray: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है. राज ठाकरे ने रविवार को कहा कि वह गंगा के पानी को न छू सकते हैं और न ही पी सकते हैं, क्योंकि इतने लोगों द्वारा स्नान करने के बाद यह पानी साफ नहीं हो सकता है. उनके बयान के बाद कई दलों के नेताओं के बाद  महाराष्ट्र सरकार में  मंत्री और बीजेपी विधायक नितेश राणे (Nitesh Rane) ने उनके बयान को लेकर घेरा है.

नितेश राणे ने कहा कि राज ठाकरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे 'नमो गंगे' सफाई अभियान की पूरी जानकारी नहीं है. राणे ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति हिंदू धर्म का अपमान करने का अधिकार नहीं रखता. उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह कभी नहीं देखे जब राज ठाकरे ने बकरा ईद के दौरान बकरों की कुर्बानी को लेकर सवाल उठाए हों. यह भी पढ़े: महाकुंभ पर राज ठाकरे का बयान, कहा- गंगा का पानी साफ नहीं, मैं इसे छू भी नहीं सकता

गंगा को 'अपवित्र' कहने पर नीतीश राणे ने राज ठाकरे को घेरा

राज के बयान का उद्धव गुट के नेता का विरोध

वहीं इससे पहले राज ठाकरे के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने विरोध जताते हुए  कहा कि महाकुंभ से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है. वहां लोगों ने धर्म और आस्था की भावना अनुभव की. अब राज ठाकरे को गंगा नदी का पानी प्रदूषित लग रहा है. उन्हें (राज ठाकरे) समझना चाहिए कि अगर वे दूसरों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकते, तो कम से कम उन लोगों का अपमान न करें, जिनकी महाकुंभ में गहरी आस्था है.भाजपा को भी राज ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उनका यह बयान हिंदू धर्म का अपमान नहीं है?

 संजय निरुपम ने भी राज को घेरा

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए उनसे सवाल पूछा कि क्या वह पूरी तरह से सनातन विरोधी हो गए हैं। महाकुंभ में दुनिया भर के 60 करोड़ से अधिक सनातनियों ने आस्था की डुबकी लगाई। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों ने कष्ट सहकर संगम में स्नान किया. ऐसे में राज ठाकरे का यह कहना कि 'गंगा अपवित्र हो गई है' गंगा मैया का अपमान है.

 सांसद श्रीकांत शिंदे ने भी बयान पर जाते विरोध

राज ठाकरे के बयान पर सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि उनका बयान करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान है। करोड़ों लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और उनकी भावना को ठेस पहुंचाना बिल्कुल गलत है.

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