गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण का बिल लोकसभा में भारी बहुमत से पास हुआ. मुद्दे पर लोकसभा में मंगलवार को जोरदार बहस हुई. इस बहस के करीब पांच घंटे बाद सदन में बिल पर मतदान हुआ. इस बिल के समर्थन में 323 सांसदों ने मतदान किया जबकि महज 3 वोट इसके विरोध में डाले गए. केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) ने लोकसभा में बिल पेश किया. इस बिल के खिलाफ AIADMK सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया. बिल पास होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस विषय पर ऐतिहासिक कदम उठाने की जरूरत थी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इस बिल से SC/ST और OBC आरक्षण के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है. कैबिनेट ने ईसाइयों और मुस्लिमों समेत अनरिजर्वड कटैगरी के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया. इस आरक्षण का फायदा 8 लाख रुपए सालाना आय सीमा और करीब 5 एकड़ भूमि की जोत वाले गरीब सवर्णो को मिलेगा. यह भी पढ़ें- सिटिजन बिल लोकसभा में पास, इन तीन देशों से आए हिंदुओं को मिलेगी नागरिकता
Lok Sabha passes Constitution (124 Amendment) Bill, 2019 with 323 'ayes'. The bill will provide reservation for economically weaker section of the society in higher educational institutions pic.twitter.com/mzsHxQoUva
— ANI (@ANI) January 8, 2019
लोकसभा से बिल के पास होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बिल है. जिन लोगों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका है, वे इससे लाभान्वित होंगे. यह लंबे समय से लोगों की मांग थी. यह बिल राष्ट्र के हित में लाया गया है. मुझे विश्वास है कि यह राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा.
Rajnath Singh: It's a historic bill. Those people who couldn't get the benefits of reservation till now will be benefited. It had been a demand of people since a long time. This bill has been brought in interest of the nation. I'm assured that it'll be passed in Rajya Sabha also pic.twitter.com/S61LobNHHP
— ANI (@ANI) January 8, 2019
लोकसभा में सवर्ण आरक्षण बिल पास होने के बाद बुधवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. बता दें कि इस बिल के लिए ही सत्र एक दिन के लिए 9 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सवर्ण आरक्षण के लिए प्रस्तावित विधेयक पेश के लिए ही राज्यसभा की कार्यवाही में एक दिन का विस्तार किया गया है.