बिहार (Bihar) में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एईएस के कारण मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में अब तक 131 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से 111 मौतें श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) तो 20 मौतें केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं. ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर के अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से भी एईएस के कारण बच्चों की मृत्यु के मामले सामने आए हैं. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने इंसेफेलाइटिस की बीमारी से मुजफ्फरपुर में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में सोमवार को केंद्र और बिहार सरकार को सात दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस बीमारी से राज्य में हुई मौतों के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण एवं स्वच्छता और राज्य में स्वच्छता की स्थिति के बारे में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील ने न्यायालय को बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पहले इसी तरह से कई लोगों की जान जा चुकी है. यह भी पढ़ें- बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत के मामले में बढ़ी हर्षवर्धन और मंगल पांडेय की मुश्किलें, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
The death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 131 in Muzaffarpur. 111 deaths in SKMCH and 20 in Kejriwal Hospital. #Bihar pic.twitter.com/v4a4C2bZ9W
— ANI (@ANI) June 25, 2019
न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को भी इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अब नौ दिन बाद आगे सुनवाई की जाएगी. वहीं, चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत के मामले में मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, 17 जून को सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ केस दायर किया गया था. इन पर एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बीते पखवाड़े में लापरवाही बरतने की वजह से बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया था. इसी मामले की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर के सीजेएम सूर्यकांत तिवारी ने जांच के आदेश दिए हैं.