Air India Urinating Incident: 'पायलट-इन-कमांड को बनाया गया बलि का बकरा'
Air India (Photo: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: अधिकांश पायलटों (Pilot) का मानना है कि एयर इंडिया (Air India) के विमान में सवार पुरुष यात्री द्वारा महिला यात्री पर पेशाब करने के मामले में पायलट-इन-कमांड (PIC) पर डीजीसीए की कार्रवाई जरुरी नहीं थी. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पीआईसी ने 26 नवंबर, 2022 को पेशाब की घटना के तुरंत बाद एयरलाइन के वरिष्ठ प्रबंधन को सूचित किया था, सूत्रों ने दावा किया कि पायलटों का निकाय - इंडियन पायलट्स गिल्ड कानूनी सहारा ले सकता है या विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा कार्रवाई के बाद अन्य विकल्प चुन सकता है. पीआईसी का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था.

सूत्रों ने दावा किया कि पीआईसी पर नियामक की कार्रवाई ज्यादातर पायलटों को रास नहीं आई है और वह इसके खिलाफ विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. एक वरिष्ठ पायलट ने दावा किया कि संबंधित पीआईसी ने मामले में बहुत परिपक्व और समय पर कार्रवाई की थी. Rajasthan: सचिन पायलट को CM गहलोत ने कहा 'देशद्रोही', शशि थरूर बोले- सोच-समझकर दें बयान

उन्होंने कहा, मामला उस समय कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन को बताया गया था. हमारा मानना है कि उन्हें इस मामले में अनावश्यक रूप से दंडित किया गया है. ईमेल एक्सचेंजों ने खुलासा किया है कि एयर इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन को घटना के दो घंटे बाद अवगत कराया गया था.

रिपोटरें के अनुसार, एयर इंडिया के सीईओ, कैंपबेल विल्सन को भी उसी शाम महिला यात्री के दामाद से एक ई-मेल प्राप्त हुआ, और कस्टमर केयर के प्रमुख को यह कहते हुए मेल भेज दिया कि इस पर ध्यान दिया जाए. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के यूरिनेशन मामले में शुक्रवार को एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया. इसके अलावा, नियामक ने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया के निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- 26 नवंबर, 2022 को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जाने वाली एआई-102 उड़ान में हुई यात्री दुर्व्यवहार की घटना 4 जनवरी, 2023 को डीजीसीए के संज्ञान में आई, जिसमें एक पुरुष यात्री ने अभद्र तरीके से व्यवहार किया और कथित तौर पर एक महिला यात्री पर पेशाब कर दी.

डीजीसीए ने पहले एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक, एयर इंडिया के निदेशक इन-फ्लाइट सेवाओं, उस उड़ान के सभी पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था कि क्यों न उनके विनियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की जाए. डीजीसीए को एयर इंडिया और इसमें शामिल कर्मियों का लिखित जवाब मिला और उनकी जांच की गई. तदनुसार, तत्काल मामले में प्रवर्तन कार्रवाई की गई है.

शुक्रवार को नियामक ने कहा- लागू डीजीसीए नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के उल्लंघन के लिए एयर इंडिया पर 30,00,000 रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है. विमान नियम, 1937 के नियम 141 और लागू डीजीसीए नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के कारण उक्त उड़ान के पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस तीन महीने की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. और, डीजीसीए नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर इंडिया की निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3,00,000 रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है.