बिहार: मुजफ्फरपुर में लीची से होने वाली संदिग्ध AES ने छीनी 62 मासूमों की जिंदगियां, दर्जनों बीमार
बिहार में संदिग्ध एईएस का आतंक (Photo Credits: PTI)

पटना: बिहार में उमस भरी गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में कथित तौर पर लीची से होने वाले 'चमकी बुखार' से 62 बच्चों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि मासूमों की सांस थमने का यह सिलसिला जारी है. परंतु अब तक सरकार इस बीमारी से लड़ने के कारगर उपाय नहीं ढूढ़ पाई है.

मिली जानकारी के मुताबिक संदिग्ध एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) की चपेट में आने से अब तक 62 बच्चो ने दम तोड़ दिया है. इसमें से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 52 और केजरीवाल अस्पताल में 10 की मौत हुई. वहीं इससे पीड़ित दर्जनों बच्चो का इलाज अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक एईएस कोई बीमाारी नहीं है. इसमें कई रोग (डिजीज) पाए जाते हैं, जिसमें से एक 'चमकी बुखार' भी है.

गौरतलब है कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इस कारण मरने वालों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है. इस बीमारी का शिकार आमतौर पर गरीब परिवार के बच्चे होते हैं. इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.

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उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष इस मौसम में मुजफ्फरपुर क्षेत्र में इस बीमारी का कहर देखने को मिलता है। पिछले वर्ष गर्मी कम रहने के कारण इस बीमारी का प्रभाव कम देखा गया था. इस बीमारी की जांच के लिए दिल्ली से आई नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की टीम तथा पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी मुजफ्फरपुर का दौरा कर चुकी है.