श्रीलंका (Srilanka) में हुए आतंकवादी हमलों (terror attacks) के बाद शिवसेना (Shiv Sena) ने सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का बैन करने की मांग की. इस बता को लेकर हाल ही में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि उन्हें बुर्के के बाद में कम ज्ञान हैं क्योंकि वो ऐसे माहोल में पले-बड़े हैं जहां महिलाएं भी काम करती थी. उन्होंने अपने घर में बुर्का (Burqa) नहीं देखा. जावेद ने कहा कि ईराक (Iraq) बड़ा ही कट्टर देश है लेकिन वहां भी महिलाएं बुर्का नहीं करती. अपनी बात को स्पष्ट करते हुए जावेद ने कहा कि श्रीलंका (Srilanka) में जो फरमान जारी किया गया है उसके तहत आप अपना चेहरा नहीं ढक सकते हैं. बुर्का पहनने पर मनाई नहीं है बल्कि चेहरा ढकने पर है, ये बात उन्होंने कानून में लाया है.
जावेद ने मीडिया से कहा, "अगर कोई ये कहता है कि भारत में बुर्का बैन (burqa ban) किया जाए तो मुझे इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन राजस्थान में अंतिम मतदान से पहले केंद्र सरकार को ऐसा ऐलान करना चाहिए कि राजस्थान में कोई घूंघट नहीं रखेगा. घूंघट (ghoonghat) भी हट जाए, बुर्का भी हट जाए. मुझे बड़ी खुशी होगी."
Some people are trying to distort my statement . I have said that may be in Sri Lanka it is done for security reasons but actually it is required for women empowerment . covering the face should be stopped whether naqab or ghoonghat .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 3, 2019
अपने बयान के बाद जावेद अख्तर ने अपने बयान को लेकर ट्विटर पर सफाई पेश करते हुए कहा, "कुछ लोग मेरे बयान को गलत तरह से पेश कर रहे हैं. मैंने कहा था कि श्रीलंका में भले ही उन्होंने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बैन किया है लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए भी ये जरूरी है. चेहरा ढकना बंद होना चाहिए फिर वो चाहे नकाब हो या घूंघट."