हिंदी सिनेमा के सबसे पहले स्टार का दर्जा अगर किसी को मिला है तो वो हैं ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार. अपने अभिनय से फिल्मों में जान डाल देने वाले दिलीप कुमार (Dilip Kumar) अपने दौर में केवल भारत तक में ही पॉपुलर नहीं थे. उनकी तूती पूरे दक्षिण एशिया में बोलती थी. यही कारण था कि कारगिल युद्ध के दौरान दिलीप कुमार ने खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात की और इसे रोकने को कहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक साल 1999 में कारगिल युद्ध चल रहा था तब अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन लगाकर कहा कि एक तरफ हमारा लाहौर में स्वागत करते हो दूसरी तरफ आपकी फ़ौज कारगिल में हमारी जमीन पर कब्ज़ा करने में जुटी हैं. जिस पर नवाज ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. वो अपने सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ से बारे में बात करेंगे. तभी वाजपेयी जी ने फोन दिलीप कुमार को थमा दिया और नवाज शरीफ से बात करने को कहा.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख़ुर्शीद महमूद कसूरी अपनी आत्मकथा 'नीदर अ हॉक नौर अ डव' के मुताबिक दिलीप कुमार ने फोन पर शरीफ से बात करते हुए कहा, 'मियां साहेब हमें आपसे ये उम्मीद नहीं थी. आपको शायद पता नहीं कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होता है, भारतीय मुसलमानों की स्थिति बहुत पेचीदा हो जाती है और उन्हें अपने घरों तक से बाहर निकलने में दिक्कत हो जाती है. हालत पर काबू करने के लिए कुछ करिए.'