जयपुर, 21 दिसंबर : राजस्थान में जयपुर के निकट शुक्रवार को हुये भीषण टैंकर हादसे में चमत्कारिक ढंग से बच निकले युवकों का कहना है कि लोगों की चीख पुकार एवं आग की लपटों को वे कभी भूल नहीं सकते हैं और उनलोगों को हादसे का वो खौफनाक मंजर ताउम्र डराता रहेगा. टैंकर हादसे के बाद जो स्लीपर बस शुक्रवार को जल कर खाक हो गयी, उसमें राजसमंद का रहने वाला जगदीश रेगर (30) और सुनील खटीक (28) भी यात्रा कर रहे थे जो बस में आग लगने से ठीक पहले किसी प्रकार बाहर निकलने में सफल रहे. दोनों युवकों का कहना है कि लोगों की चीख पुकार एवं आग की लपटों को वे कभी भूल नहीं सकते हैं . उन्होंने कहा कि हादसे का वो खौफनाक मंजर उन्हें ताउम्र डराता रहेगा.
राजसमंद जिले के मोही निवासी जगदीश उस पल को याद करते हैं जब एक तेज विस्फोट ने रात के सन्नाटे को तोड़ दिया. उन्होंने बताया, 'हम जयपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर थे कि एक तेज धमाके की आवाज सुनी. आग की लपटें आसमान में उठ रही थीं और कुछ ही पलों में हमारी बस भी उस आग की चपेट में आ गई.’’ उन्होंने कहा, 'लोग चीख रहे थे, और भाग निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दरवाजा बंद था. पूरी तरह अराजकता एवं दहशत का माहौल था.’’ राजसमंद के कांकरोली के भवानीनगर में रहने वाले सुनील ने कहा, "आग बहुत तेज़ी से फैली. हमने खिड़की से बाहर देखा और चारों तरफ आग की लपटें देखीं. हमारी बस भट्टी में तब्दील हो रही थी. हमें पता था कि अगर हमें बचना है तो हमें तुरंत कुछ करना होगा.' इसके बाद उन दोनों दोस्तों ने ग्रिल तोड़ दी, और खिड़की का शीशा भी तोड़ दिया. यह भी पढ़ें : असम: बोरा ने मु्ख्यमंत्री से प्रदर्शन में मारे गए कांग्रेस नेता की पत्नी को सरकारी नौकरी देने को कहा
जगदीश ने कहा, ‘‘हमारे हाथ जल रहे थे, लेकिन हम रुके नहीं. हम बस से बाहर कूद और भागते चले गए. दूर जाकर खेत में रुके.’’ दरअसल एलपीजी गैस से भरे टैंकर में एक ट्रक ने टक्कर मार दी. टैंकर से रिसी गैस ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया. इसने हाइवे के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया और हाइवे के दोनों और चल रहे वाहन इसकी चपेट में आ गए. सुनील ने बताया कि जो लोग इन वाहनों से निकल पाए उन्होंने पास के खेतों में शरण ली. उन्होंने कहा, "हम वहां खड़े होकर खौफनाक मंजर को देख रहे थे. हमारे सामने ही कई लोग बचने के लिए भाग रहे थे, उनके कपड़े जल रहे थे. कुछ वाहनों के कंकाल ही बचे थे. यह खौफनाक मंजर हमें ताउम्र डराता रहेगा.'
चोटिल होने के बावजूद ये दोनों युवक अपने परिवारों से संपर्क करने में कामयाब रहे. जगदीश ने कहा, "हमने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि हम जीवित हैं.' उन्होंने कहा,' हम जानते थे इस भीषण हादसे ने अनेक जिंदगियां लील ली हैं.' सुनील को जयपुर में पारिवारिक परिचित गिरिराज व्यास से मदद मिली. सुनील ने कहा, "वह घटनास्थल पर पहुंचे, हमें अस्पताल ले गए और सुनिश्चित किया कि हमें उपचार मिले. उनके बिना, हम नहीं जानते कि हम क्या करते." भांकरोटा इलाके में जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर शुक्रवार तड़के एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी थी, जिससे लगी आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था. इस भीषण दुर्घटना में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 से अधिक घायल अस्पताल में भर्ती हैं . सरकार के अधिकारी हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं और घायलों के लिए चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित कर रहे हैं.