Modi Cabinet Expansion 2021: सर्बानंद सोनोवाल को मोदी कैबिनेट में दूसरी बार मिली जगह
सर्बानंद सोनोवाल (Photo Credits: ANI)

गुवाहाटी: असम में छात्र राजनीति से होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले सर्वानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अपनी दूसरी पारी के लिए वापस आ गए हैं. छात्र नेता के तौर पर सक्रिय रहने के बाद बीजेपी का दामन थामने से पहले सोनोवाल असम की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी असम गणपरिषद (एजीपी) में शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जब पांच वर्ष पहले असम में भाजपा की ऐतिहासिक जीत की पटकथा लिखी थी तब उन्होंने सोनोवाल को इस पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था.

असम के मुख्यमंत्री का पद सौंपे जाने से पहले सोनोवाल को मोदी के पहले मंत्रिपरिषद में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में पूर्वोत्तर के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया गया था. उससे पहले वह छात्र संगठन आल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. यह भी पढ़ें: Cabinet Expansion 2021: पांच बार के सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा ने ली केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ

हालांकि, इस साल की शुरुआत में जब असम में विधानसभा चुनाव की घोषणा की गई, तो भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश नहीं करने का फैसला किया. यह इस बात का एक स्पष्ट संकेत था कि उन्हें शीर्ष पद से हटा दिया जाएगा. हिमंत बिस्व सरमा को जब मुख्यमंत्री का पद मिला तो कई राजनीतिक विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की थी कि उन्हें अगले फेरबदल में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जाएगा.

असम के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन के दौरान सामने आयी थी, जिसमें ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के उनके पूर्व साथी उनके खिलाफ हो गए थे.

सोनोवाल का राजनीति में प्रवेश आसू में शामिल होने के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने 1992 से 1999 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. वह आसू से 2001 में असम गण परिषद में शामिल हो गए, जिसकी स्थापना छात्रों के संगठन में उनके वरिष्ठों ने की थी और 2001 में वह ऊपरी असम के मोरन निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के विधायक चुने गए. यह भी पढ़ें: Cabinet Expansion 2021: अनुप्रिया सिंह पटेल दूसरी बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हुईं शामिल

सोनोवाल ने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों के बाद जनवरी 2011 में एजीपी छोड़ दी और फरवरी 2011 में भाजपा में शामिल हो गए। वह 2012 में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने और उन्हें 2014 के संसदीय चुनावों में पार्टी के सांसदों की संख्या सात करने का श्रेय दिया गया. उन्होंने खुद लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय मंत्री रानी नारा को हराया. सोनोवाल को केंद्रीय खेल एवं युवा विकास राज्य मंत्री बनाया गया.

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