
Biggest Umpiring Blunders in IPL History: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) न केवल रोमांचक क्रिकेट का मंच है, बल्कि अंपायरिंग विवादों के कारण अक्सर सुर्खियों में भी रहता है. कई बार अंपायरिंग के फैसलों ने न केवल फैंस की नाराजगी को जन्म दिया है, बल्कि क्रिकेट एक्सपर्ट्स और खिलाड़ियों ने भी अंपायरिंग के स्तर पर सवाल उठाए हैं. महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, ऋषभ पंत और हेनरिक क्लासेन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को भी गलत फैसलों के कारण मैदान पर गुस्सा जाहिर करते हुए देखा गया है. आइए आईपीएल इतिहास के कुछ सबसे विवादास्पद अंपायरिंग फैसलों पर नजर डालते हैं. यह भी पढ़ें: आईपीएल 2025 में इतिहास रचने को तैयार एमएस धोनी, बनाएंगे अनोखा रिकॉर्ड, इन दिग्गजों की एलिट लिस्ट में होंगे शामिल
धोनी का आपा खोना (RR बनाम CSK, 2019): 2019 में राजस्थान रॉयल्स (RR) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच एक हाई-वोल्टेज मैच के दौरान विवाद खड़ा हो गया. जब चेन्नई को आखिरी तीन गेंदों पर 8 रनों की जरूरत थी, तब बेन स्टोक्स ने एक फुल टॉस गेंद फेंकी, जिसे अंपायर उल्हास गांधे ने पहले नो-बॉल करार दिया, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने इस फैसले को पलट दिया. इस फैसले के बाद महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर आ गए और अंपायर से जोरदार बहस की. हालांकि, आखिरी गेंद पर मिचेल सैंटनर के छक्के की बदौलत सीएसके ने मैच जीत लिया, लेकिन धोनी का मैदान पर आना और अंपायरिंग पर सवाल उठाना पूरे आईपीएल के इतिहास में चर्चा का विषय बन गया.
मालिंगा की नो-बॉल मिस (RCB बनाम MI, 2019): रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच हुए मुकाबले में अंतिम गेंद पर RCB को जीत के लिए 7 रन चाहिए थे. इस दौरान लसिथ मलिंगा ने फ्रंट फुट नो-बॉल फेंकी, लेकिन अंपायर एस. रवि ने इसे नजरअंदाज कर दिया. मैच के बाद विराट कोहली ने गुस्से में कहा, "हम आईपीएल जैसे स्तर पर खेल रहे हैं, क्लब क्रिकेट नहीं. अंपायर को अपनी आंखें खोलकर रखनी चाहिए।" इस फैसले के बाद अंपायरिंग पर जमकर सवाल उठे.
रन शॉर्ट का विवाद (DC बनाम PBKS, 2020): 2020 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) और किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) के बीच मुकाबले में रन शॉर्ट का एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ. 19वें ओवर की दूसरी गेंद पर मयंक अग्रवाल ने मिड-ऑन की ओर शॉट खेलकर दो रन पूरे किए, लेकिन अंपायर नितिन मेनन ने इसे रन शॉर्ट करार दिया. टीवी रीप्ले में साफ दिखा कि क्रिस जॉर्डन ने बल्ला क्रीज के अंदर रखकर रन पूरा किया था, लेकिन अंपायर के फैसले के कारण पंजाब को केवल एक रन मिला. मैच सुपर ओवर में गया, जहां दिल्ली ने पंजाब को हराया. अगर यह रन शॉर्ट न दिया जाता तो पंजाब नियमित ओवर में ही मैच जीत सकता था.
डीआरएस विवाद (PBKS बनाम RCB, 2021): पंजाब किंग्स (PBKS) और आरसीबी (RCB) के बीच एक लीग मैच में देवदत्त पडिक्कल के खिलाफ कैच आउट की अपील की गई थी. ऑन-फील्ड अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया. पंजाब ने डीआरएस लिया और अल्ट्राएज से साफ पता चला कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया था, लेकिन तीसरे अंपायर के.एन. अनंतपद्मनाभन ने ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले को बरकरार रखा. पंजाब किंग्स के कप्तान केएल राहुल ने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई, लेकिन अंततः पंजाब यह मुकाबला 6 रनों से हार गया.
पंत का मैच छोड़ने की धमकी (DC बनाम RR, 2022): 2022 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच हुए हाई-स्कोरिंग मैच में रोवमैन पॉवेल ने अंतिम ओवर की तीसरी गेंद पर छक्का मारा. गेंद कमर से ऊपर थी, लेकिन अंपायर ने इसे नो-बॉल घोषित नहीं किया. दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत और डगआउट ने इस फैसले का विरोध किया. पंत ने खिलाड़ियों को मैदान से बुलाने तक की धमकी दे दी. सहायक कोच प्रवीण आमरे भी मैदान पर आ गए और अंपायर से बहस की. दिल्ली यह मैच हार गई और इसके बाद पंत और आमरे पर 100% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया. आमरे को एक मैच का बैन भी झेलना पड़ा.
क्लासेन की नो-बॉल विवाद (SRH बनाम LSG, 2023): 2023 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के बीच मैच के दौरान आवेश खान ने हेनरिक क्लासेन को कमर से ऊपर गेंद फेंकी, जिसे अंपायर ने पहले नो-बॉल करार दिया. लेकिन लखनऊ ने डीआरएस लिया और टीवी अंपायर यशवंत बार्डे ने इस फैसले को पलट दिया. क्लासेन ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना की और अंपायरिंग पर सवाल उठाए. इसके बाद क्लासेन पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए 10% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया.