8 दिन की अंतरिक्ष यात्रा 9 महीने के इंतजार में कैसे बदली
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की 8 दिन की अंतरिक्ष यात्रा, नौ महीने लंबे इंतजार में बदल गई. जानिए ऐसा किन कारणों की वजह से हुआ.अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को पृथ्वी पर वापस ला रहा यान 17 घंटे की यात्रा के बाद फ्लोरिडा पहुंचेगा. स्पेसएक्स क्रू-9 कहा जाने वाले यह यात्री दल, मंगलवार दोपहर पृथ्वी की कक्षा में दाखिल होगा. आखिरी चरण में कैप्सूल शाम 5 बजकर 57 मिनट पर फ्लोरिडा के संमदर में पैराशूटों के सहारे छपाक लैंडिंग करेगा.

पहले तकनीकी दिक्कतें फिर लोगों की कमी

विलियम्स और विलमोर, पांच जून 2024 को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए. 25 घंटे लंबी यात्रा के दौरान यान से हीलियम गैस का रिसाव होने लगा. साथ ही उसके दिशा नियंत्रित करने वाले एक थ्रस्टर में दिक्कतें आने लगीं. यान जब अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के पास पहुंचा तो उसे स्टेशन से जोड़ने (डॉक करने) में मुश्किलें आने लगीं.

नासा के मुताबिक, क्रू-9 अभियान के तहत विलियम्स और विलमोर को आठ दिन तक आईएसएस में रहना था. फिर उसी यान से वापस धरती पर लौटना था. आईएसएस में डॉकिंग के दौरान इंजीनियरों ने यान के पांच में से चार थ्रस्टर दुरुस्त भी कर दिए लेकिन नासा ने यान को इंसानों के लिए जोखिम भरा करार दिया. इसके बाद स्टारलाइनर के स्पेसक्राफ्ट को बिना अंतरिक्ष यात्रियों के ही वापस धरती पर लौटना पड़ा.

तब से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर रिटर्न फ्लाइट के इंतजार में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे रहे. नासा ने अगस्त 2024 में दोनों को स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान के जरिए धरती पर वापस लाने का फैसला किया. इसके लिए भेजा गया यान, क्रू ड्रैगन-9, 29 सितंबर 2024 को आईएसएस पर डॉक भी हो गया. लेकिन विलियम्स और विलमोर को जल्द लाने की कोशिशें इस बार दूसरे कारणों से टल गईं. उन दोनों को अगर जल्द लाया जाता तो आईएसएस पर एक ही अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बचता. इससे रिसर्च का काम प्रभावित होता और आपात स्थिति से निपटने में भी मुश्किलें आतीं.

विलियम्स और विलमोर अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट रहे हैं. सुनीता विलियम्स की यह तीसरी और अब तक की सबसे लंबी अंतरिक्ष यात्रा है. इस दौरान 19 सितंबर 2024 को सुनीता विलियम्स ने आईएसएस में ही अपना 59वां जन्मदिन मनाया. फिर 29 दिसंबर को विलमोर ने भी बाहरी अंतरिक्ष में अपना 62वां जन्मदिन मनाया.

स्पेस स्टेशन पर फंसे यात्रियों को वापस लाने की कोशिश

मार्च की शुरुआत में जब विलियम्स से घर वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें बेसब्री से अपने परिवार और अपने दो कुत्तों से मिलने का इंतजार है.

आखिरकार पहुंच ही गए नासा के रिलीवर

अपने अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के आखिरी चरण में नासा को क्रू-10 के आईएसएस में पहुंचने तक इंतजार करना पड़ा. 14 मार्च 2025 को स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर मिशन के लिए रवाना हुआ. इस अभियान का नाम क्रू-10 रखा गया. क्रू-10 का मतलब है चालक दल के सदस्यों की 10वीं अदला बदली का मिशन. रॉकेट पर लगा ड्रैगन यान, 15 मार्च की रात आईएसएस के हॉर्मोनी मॉड्यूल पर डॉक हुआ.

इसके बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री, निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जांडर गोर्बोनोव को पृथ्वी पर वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हुई.

हाल के महीनों में अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी के इस अभियान ने राजनीतिक रंग भी ले लिया. जनवरी में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले डॉनल्ड ट्रंप ने एलान किया कि वे दफ्तर में दाखिल होते ही विलियम्स और विलमोर की जल्द वापसी की कोशिशें करेंगे. ट्रंप ने बिना सबूत दिए आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राजनीतिक कारणों के चलते विलियम्स और विलमोर की वापसी टाली है. उनका इशारा शायद रूसी अंतरिक्ष यात्री की तरफ था.

अंतरिक्ष यात्री कब तक घर लौट सकेंगे?

धरती पर वापसी के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को नासा के ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया जाएगा. वहां कई दिनों तक उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. नासा के फ्लाइट सर्जनों के हरी झंडी देने के बाद ही सुनीता विलियम्स समेत चारों अंतरिक्ष यात्री अपने परिवारों के पास जा सकेंगे.

आईएसएस पृथ्वी से करीब 409 किलोमीटर दूर है. आकार में यह रिसर्च सेंटर, एक फुटबॉल फील्ड के बराबर है. बीते 25 साल से आईएसएस लगातार अंतरिक्ष में अनुंसधान का प्रमुख केंद्र है. धरती पर राजनीतिक मतभेदों के बावजूद अमेरिका और रूस जैसे शक्तिशाली देश आईएसएस में एक दूसरे के साथ अब तक भरपूर सहयोग करते आए हैं.

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