PMLA Case: अदालत ने अनिल देशमुख के बेटों का पासपोर्ट वापस करने का आदेश दिया

महानगर की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के धनशोधन के आरोपी दो बेटों के पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दिया है.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
PMLA Case: अदालत ने अनिल देशमुख के बेटों का पासपोर्ट वापस करने का आदेश दिया
Anil deshmukh

मुंबई, 30 नवंबर: महानगर की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के धनशोधन के आरोपी दो बेटों के पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दिया है. हालांकि, अदालत ने कहा कि दोनों - हृषिकेश और सलिल देशमुख उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ें. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष अदालत के न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने बुधवार को उनकी याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा कि अदालत को आरोपियों के इतिहास, अपराध की प्रकृति, मुकदमे में उनकी उपस्थिति की जरूरत और ऐसे अन्य प्रासंगिक कारकों पर विचार करना होता है.

अदालत ने कहा, “ साथ ही, अदालत को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपियों की दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समाज के हित के साथ-साथ अभियोजन पक्ष के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना होगा.” ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र में देशमुख के दोनों बेटों को आरोपी बनाया गया था. हालांकि, जांच एजेंसी ने दोनों को कभी गिरफ्तार नहीं किया. नवंबर 2022 में, उन्हें विशेष अदालत ने ज़मानत दे दी थी और एक शर्त एक यह थी कि वे अपने पासपोर्ट जांच एजेंसी को जमा करें.

वकील इंदरपाल सिंह ने कहा कि हृषिकेश व्यवसाय प्रबंधन से जुड़े हैं और उन्हें कार्यशालाओं और प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लेना होता है जबकि सलिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हैं और 2020 से जिला परिषद के सदस्य हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लंबित मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है और आवेदकों के देश से भागने की पूरी आशंका है. अदालत ने कहा कि सिर्फ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत आरोपी होना, दोनों को उनके पासपोर्ट से वंचित करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

अदालत ने कहा, “ आवेदकों पर कड़ी शर्तें लगाकर अभियोजन की आशंका को दूर किया जा सकता है. परिस्थितियों के संपूर्ण पहलू को ध्यान में रखते हुए, मेरा मानना है कि पासपोर्ट वापस करने की अनुमति देने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है.” मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से अनिल देशमुख के खिलाफ उगाही के आरोप लगाने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और इसके बाद ईडी ने अनिल देशमुख, उनके परिवार के सदस्यों और पूर्व सहयोगियों के खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी. ईडी ने दावा किया है कि अनिल देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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Anil deshmukh

मुंबई, 30 नवंबर: महानगर की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के धनशोधन के आरोपी दो बेटों के पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दिया है. हालांकि, अदालत ने कहा कि दोनों - हृषिकेश और सलिल देशमुख उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ें. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष अदालत के न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने बुधवार को उनकी याचिकाएं स्वीकार करते हुए कहा कि अदालत को आरोपियों के इतिहास, अपराध की प्रकृति, मुकदमे में उनकी उपस्थिति की जरूरत और ऐसे अन्य प्रासंगिक कारकों पर विचार करना होता है.

अदालत ने कहा, “ साथ ही, अदालत को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपियों की दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समाज के हित के साथ-साथ अभियोजन पक्ष के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना होगा.” ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र में देशमुख के दोनों बेटों को आरोपी बनाया गया था. हालांकि, जांच एजेंसी ने दोनों को कभी गिरफ्तार नहीं किया. नवंबर 2022 में, उन्हें विशेष अदालत ने ज़मानत दे दी थी और एक शर्त एक यह थी कि वे अपने पासपोर्ट जांच एजेंसी को जमा करें.

वकील इंदरपाल सिंह ने कहा कि हृषिकेश व्यवसाय प्रबंधन से जुड़े हैं और उन्हें कार्यशालाओं और प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लेना होता है जबकि सलिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हैं और 2020 से जिला परिषद के सदस्य हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लंबित मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है और आवेदकों के देश से भागने की पूरी आशंका है. अदालत ने कहा कि सिर्फ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत आरोपी होना, दोनों को उनके पासपोर्ट से वंचित करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

अदालत ने कहा, “ आवेदकों पर कड़ी शर्तें लगाकर अभियोजन की आशंका को दूर किया जा सकता है. परिस्थितियों के संपूर्ण पहलू को ध्यान में रखते हुए, मेरा मानना है कि पासपोर्ट वापस करने की अनुमति देने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है.” मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से अनिल देशमुख के खिलाफ उगाही के आरोप लगाने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और इसके बाद ईडी ने अनिल देशमुख, उनके परिवार के सदस्यों और पूर्व सहयोगियों के खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी. ईडी ने दावा किया है कि अनिल देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए.

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