लखनऊ, एक मई उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में मतगणना पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार करने के बाद मतों की गिनती रविवार को शुरू होगी जिसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को स्पष्ट हिदायत दी है कि मतगणना केंद्रों में उन्हें ही प्रवेश मिलेगा जिनकी कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ समेत कई संगठनों ने मतगणना के बहिष्कार की घोषणा की थी लेकिन शनिवार की शाम उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के साथ हुई वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ समेत कई संगठनों ने मतगणना न करने का अपना फैसला वापस ले लिया। रात नौ बजे तक राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मतगणना कराने को लेकर कोई फैसला नहीं कर सका था।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और अधिकाधिक संख्या में कर्मचारी, शिक्षक, अभियंताओं और अधिकारियों की मौत के बाद विभिन्न शिक्षक और कर्मचारी संगठनों की मांग पर मतगणना बहिष्कार की घोषणा करने वाले संगठनों ने शनिवार की शाम उच्च्तम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए मतगणना करने का निर्णय लिया है।
शनिवार शाम जारी एक बयान में विभिन्न संगठनों के एक समूह ने मतगणना ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों, शिक्षकों की सुरक्षा के संबंध में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में दस मांगें रखी जिसका अनुपालन शासन द्वारा कराये जाने का आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारी और शिक्षक संगठनों ने मतगणना में शामिल होने का निर्णय लिया है।
कर्मचारियों की समस्याओं के संबंध में मुख्य स्तर की कमेटी के साथ वार्ता में कर्मचारी शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा, प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी, कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, रामराज दुबे, सतीश कुमार पाण्डेय और कमलेश मिश्रा शामिल थे।
शासन के आला अफसरों के समक्ष मतगणना के दौरान कार्मिकों को किट उपलब्ध कराने, प्रत्येक जिले में 10 बेड आईसीयू और वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ इसकी व्यवस्था के लिए अधिकारी की नियुक्ति, सभी कार्मिकों का टीकाकरण, ड्यूटी में लगे कार्मिकों चाहे वह नियमित हो या संविदा, स्थाई मानदेय को कोरोना डयूटी के दौरान मृत्यु होने पर पचास लाख मुआवजा, मृतक के आश्रितों को नौकरी,कोरोना पीड़ितों के सभी खर्च सरकार द्वारा वहन करने की मांग रखी गई। पीने के पानी की सील्ड बोतल और वाहन की व्यवस्था, पीड़ित कार्मिकों को मोबाईल की अनुमति दी जाए। विशेष रूप से यह तय किया गया कि जिन कार्मिकों को खांसी-बुखार होगा उन्हें ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कार्मिकों की अधिकतम ड्यूटी आठ घण्टे तथा मतगणना जारी रहने मतगणना स्थल के आसपास कर्फ्यू जारी रखने की भी मांग की गई।
इसके पहले उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण एवं मतदान की ड्यूटी के दौरान महामारी से बचाने की व्यवस्था उपलब्ध कराने में निर्वाचन आयोग की विफलता एवं अपने संघ के सदस्यों के प्राणों के रक्षार्थ उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने निर्णय लिया है कि यदि रविवार, दो मई को प्रस्तावित मतगणना स्थगित नहीं की गई तो हमारे विभाग के शिक्षक मतगणना का बहिष्कार करेंगे।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य एवं नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी व उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा समेत विभिन्न संगठनों के नेताओं के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी बयान में मतगणना स्थगित करने की मांग करते हुए कहा गया था कि इस समय कोई ऐसा कारण नहीं है कि मतगणना स्थगित नहीं की जा सकती।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने शनिवार को 'पीटीआई-' से बातचीत में कहा,‘‘हमारे संगठन द्वारा मतगणना का बहिष्कार किया गया है क्योंकि जान है तो जहान है।’’
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