
नयी दिल्ली, 14 नवंबर केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा ने सोमवार को कहा कि पिछले तीन महीनों में 400 से अधिक सहकारी समितियों ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जून को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर खरीदार के रूप में सहकारी समितियों को खरीद की अनुमति देने के लिए जीईएम के अधिकार का विस्तार करने को अपनी मंजूरी दे दी थी। नौ अगस्त को सहकारी समितियों को औपचारिक रूप से पोर्टल पर जोड़ा गया।
सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘अब तक 400 से अधिक सहकारी समितियों ने जीईएम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और व्यापार करना शुरू किया है।’’
वह यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा आयोजित 69वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के जैविक उत्पादों को सही बाजार नहीं मिल रहा है। चाहे वह जैविक हो या अन्य उत्पाद हों, सहकारी समितियां इन वस्तुओं को जीईएम पोर्टल पर बेच सकती हैं।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सरकार ने जुलाई 2021 में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से सहकारिता को मजबूत और विस्तारित करने के लिए कई उपाय किए हैं।
नए सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना पर मंत्री ने कहा कि इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
उन्होंने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसे दिल्ली में स्थापित किये जाने की उम्मीद है।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि एक नई सहकारिता नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया है और परामर्श प्रक्रिया चल रही है।
इस अवसर पर वर्मा ने दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री दिवंगत चौधरी ब्रह्म प्रकाश की प्रतिमा का भी अनावरण किया।
एनसीयूआई के उपाध्यक्ष के शिवदासन नायर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए समर्थन का लाभ उठाने और सहकारी समितियों के काम करने के तरीके में बदलाव का यह सही समय है।
नायर ने कहा, ‘‘अतीत में, हरित क्रांति और श्वेत क्रांति का काम सहकारी समितियों को सौंपा गया था क्योंकि सरकार का हम पर भरोसा था। अब हम इसे खो चुके हैं और स्थिति को बदलने की जरूरत है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)