
नयी दिल्ली, 27 मार्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी किए। स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने मेडिकल ऑक्सीजन बुनियादी ढांचे के समुचित रखरखाव और उपयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
सलिला दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक कार्यशाला में बोल रही थीं, जिसमें ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य 200 ‘‘मास्टर प्रशिक्षकों’’ को प्रशिक्षित करना है जो देश भर में अस्पताल प्रशासकों और चिकित्सा अधिकारियों की क्षमता निर्माण की दिशा में काम करेंगे, ताकि मेडिकल ऑक्सीजन के उचित संचालन और उपयोग, अपव्यय को कम करने और क्लीनिकल परिणामों में सुधार लाया जा सके।
कार्यशाला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सलिला ने कहा कि किसी स्वास्थ्य सेवा सुविधा में क्षमता में किसी भी वृद्धि की स्थिति में जरूरतों को पूरा करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के बुनियादी ढांचे को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के भारत के प्रबंधन से सीख लेने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम की अगुवाई करने में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला और स्वास्थ्य सेवा के सभी स्तरों पर प्रशिक्षण और जागरूकता के महत्व पर बल दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश जारी करना देश के मेडिकल ऑक्सीजन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य सुविधाओं में ऑक्सीजन प्रबंधन में एक समान सर्वोत्तम प्रथाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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