![ISRO Espionage Case: सीबीआई ने पुलिस के पांच पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया ISRO Espionage Case: सीबीआई ने पुलिस के पांच पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2024/06/CBI-5-380x214.jpg)
नयी दिल्ली, 27 जून : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को कथित तौर पर फंसाने के सिलसिले में दो पूर्व डीजीपी, केरल के सिबी मैथ्यूज और गुजरात के आर बी श्रीकुमार के अलावा तीन अन्य सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद 2021 में दर्ज इस मामले में सीबीआई ने तीन साल बाद सीबीआई ने तत्कालीन पुलिस उप महानिरीक्षक मैथ्यूज के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिन्होंने 1994 के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जासूसी मामले की पड़ताल करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया था. इसके अलावा श्रीकुमार, जो उस समय खुफिया ब्यूरो में उप निदेशक थे, एसआईबी-केरल में तैनात पी एस जयप्रकाश, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक के के जोशुआ और निरीक्षक एस विजयन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया है. यह भी पढ़ें : Karnataka Accident: कर्नाटक के हावेरी में भीषण सड़क हादसा, एक ही गांव के 13 लोगों की मौत- VIDEO
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 330 (स्वीकारोक्ति करवाने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 167 (झूठे दस्तावेज तैयार करना), 193 (मनगढ़ंत सबूत तैयार करना), 354 (महिलाओं पर आपराधिक हमला) के तहत आरोप लगाए हैं.
उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल, 2021 को आदेश दिया था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी जाए.
केरल पुलिस ने अक्टूबर 1994 में दो मामले दर्ज किए थे, जब मालदीव की नागरिक रशीदा को तिरुवनंतपुरम में गिरफ्तार किया गया था. उस पर आरोप था कि उसने पाकिस्तान को बेचने के लिए इसरो के रॉकेट इंजन के गोपनीय चित्र प्राप्त किए थे. इस मामले में इसरो में क्रायोजेनिक परियोजना के तत्कालीन निदेशक नारायणन को तत्कालीन इसरो उपनिदेशक डी शशिकुमारन के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा रशीदा की दोस्त फौजिया हसन को गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई जांच में यह आरोप झूठे पाए गए थे.