Kolkata Doctor Rape Case: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जूनियर डॉक्टर की तस्वीर का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने वाले मामले की जांच करे, जिसकी अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सीबीआई को यह निर्देश देते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की पोस्ट बिल्कुल अस्वीकार्य है.
दरअसल, मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को निर्धारित की गई है, तब तक केंद्रीय एजेंसी अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. खंडपीठ ने यह भी कहा कि सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली है, इसलिए उसे इस मामले की जांच करनी चाहिए और देखना चाहिए कि क्या इस मामले में कुछ किया जा सकता है. अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस मामले में अदालत की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं, फिर भी राज्य पुलिस द्वारा इस समस्या को रोकने के लिए पर्याप्त पहल नहीं की जा रही है. पिछले महीने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो हटाने का निर्देश दिया था. यह भी पढ़ें: Army Vehicle Plunges into Gorge: सिक्किम में बड़ा सड़क हादसा, गहरी खाई में गिरा सेना का वाहन; चार जवानों की गई जान
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों ने भी कहा था कि किसी भी यौन उत्पीड़न की शिकार की पहचान का खुलासा करना सर्वोच्च न्यायालय के पहले के आदेश का उल्लंघन है. इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने की प्रवृत्ति पर कड़ी टिप्पणी की थी. हालांकि, इसके बाद भी, नेटिजन्स का एक वर्ग या तो इस प्रथा को जारी रखे हुए है या फिर उन्होंने पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट करने से परहेज किया है.