नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शनिवार को वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ रहने की आशंका के बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्राधिकारियों को ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) का दूसरा चरण लागू करने का बुधवार को निर्देश दिया, जिसके बात होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में कोयला और एवं लकड़ियों में आग जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. Delhi: दिवाली पर फोड़े पटाखे तो होगी 6 महीने की जेल और जुर्माना, बेचने पर तीन साल के लिए जाएंगे अंदर.
जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है. जीआरएपी राजधानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है.
इसे दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है. वहीं, एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है.
जीआरएपी के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने बुधवार को एक बैठक के दौरान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा की. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शनिवार को वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ रहने की आशंका के बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्राधिकारियों को ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) का दूसरा चरण लागू करने का बुधवार को निर्देश दिया, जिसके बात होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में कोयला और एवं लकड़ियों में आग जलाने पर प्रतिबंध रहेगा.
जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है. जीआरएपी राजधानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है.
इसे दिल्ली में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों के तहत वर्गीकृत किया गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानी ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू किया जाता है. वहीं, एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानी ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है.
जीआरएपी के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने बुधवार को एक बैठक के दौरान क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संबंधी परिदृश्य की समीक्षा की. सीएक्यूएम ने एक आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और राजधानी में शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण 22 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है.
आदेश में कहा गया, ‘‘24 अक्टूबर को दिवाली के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है.’’ इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है.
सीएक्यूएम ने एक आदेश में कहा कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और राजधानी में शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण 22 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है.
आदेश में कहा गया, ‘‘24 अक्टूबर को दिवाली के कारण स्थिति और बिगड़ने की आशंका है.’’ इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है.
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