सीबीआई ने रिश्वत मामले में कार्ति चिदंबरम के निकट सहयोगी भास्कररमन को किया गिरफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नयी दिल्ली, 18 मई : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम के निकट सहयोगी एस. भास्कररमन को बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि पंजाब में ‘तलवंडी साबो बिजली परियोजना’ में काम कर रहे चीन के 263 नागरिकों को पुन:परियोजना वीजा दिलाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में कार्ति के खिलाफ सीबीआई ने बुधवार को मामला दर्ज किया था और उनके कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार देर रात भास्कररमन से पूछताछ शुरू की थी और बुधवार तड़के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड’ (टीएसपीएल) के तत्कालीन सहायक उपाध्यक्ष विकास मखारिया ने चीन के 263 नागरिकों को पुन: परियोजना वीजा दिलवाने के संबंध में भास्कररमन से सम्पर्क किया था. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, मामले की जांच करने वाले जांच अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मखारिया ने कार्ति के ‘‘करीबी सहयोगी’’ के जरिए उनसे सम्पर्क किया. अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने चीनी कम्पनी के 263 कर्मचारियों को पुन: परियोजना वीजा दिलवाए. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि परियोजना वीजा एक विशेष प्रकार का वीजा है, जिसे 2010 में बिजली तथा इस्पात क्षेत्र के लिए पारित किया गया था. जिसके लिए तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम के मंत्रालय ने विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, लेकिन परियोजना वीजा पुन: जारी करने का उसमें कोई प्रावधान नहीं था. यह भी पढ़ें :मध्य प्रदेश में परिवार के सदस्यों पर ही जादू-टोना करने के शक में 3 की हत्या

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया था कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ यह जांच, आईएनएक्स मीडिया मामले की पड़ताल के दौरान कुछ संबंधित सुराग मिलने पर शुरू की गई. इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम ने संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान वेदांता समूह की कंपनी टीएसपीएल के लिए जुलाई-अगस्त 2011 में चीन के 263 नागरिकों को वीजा दिलवाने के लिए भास्कररमन के जरिए 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. उस समय पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.