Surgical Strike 2: वायुसेना द्वारा मचाई गई तबाही के बाद पाकिस्तान में मची अफरा-तफरी, बुलाई आपात बैठक
मिराज 2000 POK में बमबारी करते हुए (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद: भारत ने मंगलावर तड़के आतंकिस्तान को पुलवामा आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है. सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर हवाई हमले कर जैश-ए-मुहम्‍मद के कई आतंकी शिविरों को निशाना बनाया है. इस हमले में करीब 200 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. वहीं हमले के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. ताजा जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने आपात बैठक बुलाई है.

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में एक आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जाएगी. हालांकि इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हिस्सा लेंगे या नहीं इस बात की जानकारी नही मिल सकी है.

पाकिस्तान सेना ने माना कि मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने मुजफराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया है. सेना की मीडिया शाखा अंतर-सेवा जन संपर्क (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय वायुसेना के विमान मुजफराबाद सेक्टर से घुसे। पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से समय पर और प्रभावी जवाब मिलने के बाद वह जल्दीबाजी में अपने बम गिरा कर बालाकोट के करीब से बाहर निकल गए. जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ है.’’

उन्होंने लिखा है, ‘‘भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है. पाकिस्तानी वायुसेना ने तुरंत जवाब दिया. भारतीय विमान लौट गए.’’

हालांकि भारत की ओर से इस हमले को लेकर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान अधिकृत कश्‍मीर (पीओके) में जैश-ए-मुहम्‍मद के एक कैंप पर मिराज 2000 से 1000 किलोग्राम का बम बरसाया.

पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना के हमले के बाद मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक हो रही है. वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक में मौजूद हैं. साथ ही इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य शीर्ष अधिकारी और सुरक्षा विभाग से जुड़े तमाम आला अधिकारी भी मौजूद हैं.

गौरतलब है कि यह आरोप जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच लगाया गया है. हमले में सुरक्षा बल के 40 जवाब शहीद हुए थे.