वाशिंगटन: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. पश्चिमी खुफिया अधिकारियों ने पूर्वी यूरोप में मौजूद यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा जताया है. इस बीच अमेरिका यूक्रेन में अपने दूतावास को खाली करवा रहा है. साथ ही अमेरिका (US) रूस के यूक्रेन पर हमले की आशंका के मद्देनजर पोलैंड में पहले से मौजूद 1,700 सैनिकों के अलावा वहां 3,000 और सैनिकों को भेज रहा है. अमेरिका के लगभग 80,000 सैनिक पहले से ही यूरोप के अपने स्थायी केंद्रों पर मौजूद हैं. उधर, अमेरिका के बाद अब न्यूजीलैंड ने भी अपने नागरिकों को जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है. US: यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो गैस पाइपलाइन बाधित कर दी जाएगी- राष्ट्रपति जो बाइडन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने दावा किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमले का आदेश कभी भी दे सकते हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि रूस बीजिंग में चल रहे शीत ओलंपिक के दौरान यूक्रेन पर हमला कर सकता है और इसलिए अमेरिकी नागरिकों को पूर्वी यूरोपीय देश तत्काल छोड़ देना चाहिए. ओलंपिक खेल 20 फरवरी को समाप्त हो रहे हैं.
JUST IN: New Zealand calls on its nationals to leave Ukraine
— The Spectator Index (@spectatorindex) February 12, 2022
एक अमेरिकी जनरल का कहना है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की स्थिति में पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा हो सकती है. ज्ञात हो कि रूस ने यूक्रेन के पास एक लाख से अधिक सैनिक इकट्ठा कर लिए हैं. हालांकि रूस ने कहा है कि उसका यूक्रेन पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह चाहता है कि पश्चिमी देश यूक्रेन और पूर्व सोवित देशों को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से बाहर रखे. रूस ने क्षेत्र में हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्वी यूरोप से नाटो बलों को वापस बुलाने की भी मांग की है. हालांकि अमेरिका और नाटो ने रूस की मांगों को खारिज कर दिया है.
इस बीच, नाटो के और सुरक्षा बल अपने सहयोगी देश यूक्रेन की पूर्वी सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग चेतावनी दे रहे हैं कि यूक्रेन के समीप रूस के सैन्य जमावड़े से हाल फिलहाल में यूरोपीय सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा पैदा हुआ है. ब्रिटेन ने पूर्वी यूरोप में मानवीय संकट की आशंका के मद्देनजर हजार सैनिकों को तैयार कर रहा है. अगर रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला करता है और लड़ाई शुरू होती है तो मानवीय संकट की आशंका पैदा हो सकती है.
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकियों के लिए अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा कि यह ऐसा नहीं है कि हम एक आतंकवादी संगठन से निपट रहे हैं. हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक से निपट रहे हैं. यह बहुत अलग स्थिति है और चीजें जल्द ही खराब हो सकती है. अगर अमेरिका और रूस एक-दूसरे पर गोलियां चलाना शुरू कर दें तो यह विश्वयुद्ध होगा.
इस बीच शुक्रवार को हुई भारत,जापान ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन पर हमले का खतरा तथा रूस और चीन के बीच गहरे रिश्तों का मुद्दा छाया रहा. इस बैठक की अध्यक्षता ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मॉरिस पायने ने की. उन्होंने कहा कि रूस और चीन के बीच गठबंधन चिंतित करने वाला है क्योंकि यह वैश्विक व्यवस्था को प्रदर्शित नहीं करता. जो स्वतंत्रता, खुलेपन, संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की आकांक्षाओं की पक्षधर है.
यहां एक बात और गौर करने वाली है कि अमेरिका, चीन और रूस के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. अमेरिका और चीन के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में पहले से ही टकराव की स्थिती बनी हुई है. चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का शुरुआत से ही विरोध करता रहा है.