लड़कियों की शादी की उम्र घटाकर 9 साल करने की तैयारी! इराक के इस नए कानून पर दुनियाभर में मचा बवाल

Iraq New Child Marriage Law: इराक में एक नए कानून को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है. यह प्रस्तावित कानून लड़कियों की शादी की उम्र को घटाकर 9 साल करने की बात कर रहा है, जिससे मानवाधिकार संगठनों में खलबली मच गई है. यह कदम इराक को एक ऐसे मोड़ पर ले जा सकता है, जहां महिलाओं के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता पर और भी अधिक खतरे मंडराने लगेंगे.

अब तक का कानून क्या कहता है?

1959 में बने पर्सनल स्टेटस लॉ के अनुसार, इराक में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई थी. यह कानून अब्दुल करीम कासिम की सरकार के समय लागू हुआ था, जिसे उस दौर में प्रगतिशील माना गया था. इस कानून के तहत, 18 साल से कम उम्र में शादी पर रोक थी, हालांकि परिवार और न्यायाधीश की अनुमति से 15 साल की उम्र में भी शादी की जा सकती थी.

नया कानून कौन ला रहा है?

शिया इस्लामिक पार्टियों ने मिलकर इस नए कानून का मसौदा तैयार किया है. इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी, जो खुद शिया समुदाय से हैं, को इस प्रस्ताव का समर्थन प्राप्त है. शिया पार्टियों का इराक की सरकार में बहुत बड़ा प्रभाव है, और यह कानून भी उनके इसी प्रभाव का परिणाम है.

बिल में क्या है चौंकाने वाला?

इस बिल में यह कहा गया है कि व्यक्तिगत मामलों के निपटारे के लिए पति-पत्नी को एक धर्म चुनना होगा, जो या तो सुन्नी हो सकता है या शिया. अगर धर्म के चुनाव को लेकर कोई विवाद होता है, तो फैसला पति के धर्म के आधार पर होगा. इस कानून के तहत 9 साल की लड़कियों और 15 साल के लड़कों की शादी को कानूनी मान्यता दी जा रही है. इसके अलावा, यह कानून शिया जाफरी कानून के आधार पर बनेगा, जिसमें शादी, तलाक, बच्चे गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे मामलों को शामिल किया गया है.

उम्र घटाने के पीछे क्या तर्क है?

शिया पार्टियों का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य संविधान के साथ तालमेल बैठाना है. उनके अनुसार, यह बदलाव इराकी परिवारों को यह निर्णय लेने की स्वतंत्रता देगा कि वे अपने बच्चों की शादी कब करना चाहते हैं. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संगठन 'गर्ल्स नॉट ब्राइड्स' के अनुसार, भले ही कानूनी उम्र 18 साल हो, लेकिन 7 प्रतिशत लड़कियां 15 साल की उम्र से पहले ही शादी कर लेती हैं, जबकि 28 प्रतिशत लड़कियां 18 साल से पहले ही विवाहित हो जाती हैं.

इराक की यह स्थिति क्यों है?

इराक कई दशकों से युद्ध की मार झेल रहा है. पिछले दो दशकों में इराक ने युद्ध से तो निजात पा ली, लेकिन स्थिरता अभी तक नहीं आ पाई है. सीरिया जैसे अन्य मध्य पूर्व देशों से लाखों शरणार्थी इराक में शरण ले रहे हैं. 2023 के आंकड़ों के अनुसार, इराक में 2.5 लाख से अधिक पंजीकृत सीरियाई शरणार्थी हैं.

शरणार्थियों में बाल विवाह का चलन

शरणार्थियों के बीच बाल विवाह एक आम बात है. शरणार्थियों के पास न तो रहने की उचित व्यवस्था है, न खाने की, और न ही वे स्थानीय लोगों के साथ कोई विश्वास कायम कर पाए हैं. इस डर के चलते वे अपनी बेटियों की कम उम्र में ही शादी कर देते हैं.

अमेरिका में भी बाल विवाह की अनुमति

इराक एक रूढ़िवादी देश है, लेकिन बाल विवाह की अनुमति कुछ तथाकथित उदार देशों में भी है. 2016 के प्यू रिसर्च के अनुसार, दुनिया के 117 देशों में बाल विवाह कानूनी रूप से मान्य है, जिनमें अमेरिका भी शामिल है.

इराक का यह नया कानून न केवल महिलाओं के अधिकारों को और भी अधिक सीमित कर सकता है, बल्कि यह देश को धार्मिक कट्टरता की ओर और भी धकेल सकता है. जबकि दुनिया के कई हिस्सों में बाल विवाह के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं, इराक का यह प्रस्तावित कानून मानवाधिकार संगठनों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इराकी समाज और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस कानून के खिलाफ आवाज उठाते हैं या नहीं.