दुनिया जहां एक तरफ जानलेवा कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है, वहीं पाकिस्तान में इसके साथ-साथ पोलियो की बीमारी ने भी हड़कंप मचाया हुआ है. पाकिस्तान में मौजूदा साल के पहले पांच महीने में ही पोलियो के 48 मामले सामने आ चुके हैं. गौरतलब है कि दुनिया में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे दो देश हैं जहां से पोलियो का उन्मूलन नहीं हुआ है. इन दोनों देशों में पोलियो की मौजूदगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बनी रही है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पोलियो से सर्वाधिक प्रभावित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बनू में 13 महीने के एक बच्चे में पोलियो की पुष्टि होने के बाद देश में इस बीमारी के इस साल सामने आए मामलों की संख्या 48 हो गई है.
एक स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बच्चे की दोनों टांगें बेकार हो गई हैं. बेहद गरीब मां-बाप ने अपने बच्चे को कोई पोलियो खुराक नहीं पिलाई थी. अधिकारी ने बताया कि इस साल खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो के 20, सिंध में 17, बलूचिस्तान में 10 और पंजाब में एक मामले सामने आ चुके हैं.
पाकिस्तान में बीते साल पोलियो के मामले में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज की गई. बीते साल कुल 144 मामले दर्ज किए गए थे जबकि साल 2018 मे इनकी संख्या 12 और साल 2017 में आठ थी. मौजूदा साल के पांच महीने में ही 48 मामलों के सामने आने से स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है.
विभिन्न आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक कारणों से पाकिस्तान में कई अभिभावक बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने से बचते हैं. इस वजह से देश में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को तगड़ा झटका लगा है.
पाकिस्तान पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से पोलियो के कारण कुछ यात्रा प्रतिबंध भी लागू हैं. इसके तहत विदेश जाने वाले पाकिस्तानी को पोलियो टीके का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य करार दिया गया है.