अमेरिका/न्यू जर्सी, 22 नवंबर: देशभर में 21 नवंबर को 'उषा अर्घ्य' (Usha Arghya) छठ पर्व की समाप्ति की गई. छठ पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमे तीसरा और चौथा दिन सबसे अहम होता है. छठ पर्व का यह पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है. व्रत रखेने वाले सभी श्रद्धालु नदी, झील, तालाब या घर में कुंड बना कर पूजा करते हैं. तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के बाद व्रती अगले दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, जिसे ऊषा अर्घ्य (Usha Arghya) कहा जाता है. छठ महापर्व को अधिकतर उत्तर भारतीय मानते हैं. छठ को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित अन्य पुर्वीय क्षेत्रों में मनाया जाता है.
देश-विदेश में रहने वाले उत्तर भारतीय भी यह पर्व बहुत धूमधाम से मानते हैं. हालांकि इस साल कोरोना वायरस महामारी को देखते कई पाबंदियां लागु कर दी गई थीं. विदेश में भी छठ पर्व का एक शानदार दृश्य देखने को मिला है. अमेरिका के न्यू जर्सी (New Jersey) शहर में 21 नवंबर को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के 600 से ज्यादा लोगों ने छठ पर्व के दौरान पूजा-अर्चना की. भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने न्यू जर्सी के मनालपन झील (Manalapan Lake) में छठी मैया (Chhath Maiyya) की आराधना की.
देखें वीडियो:
#WATCH New Jersey, US: Over 600 members of the Indian-American community performed rituals of #ChhathPuja at Lake Manalapan, on 21st November. pic.twitter.com/bu6Bor6UYV
— ANI (@ANI) November 22, 2020
बता दें कि शनिवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व की समाप्ति हो गई. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर 'पारण' किया. चार दिन तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी जैसे कई नामों से जाना जाता है. कहा जाता है कि छठ मैया और सूर्य देव (Surya Dev) की उपासना करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य और खुशहाली आती है.