Tech News: स्मार्टफोन, फीचर फोन, लैपटॉप या किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस के लिए आपको अलग-अलग चार्जर इस्तेमाल करने होते हैं. जल्द ही आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है. इस दिशा में सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. 5G In India: 1000 शहरों में Jio की 5G की प्लानिंग पूरी, जानें कितनी सस्ती सर्विस देगी कंपनी?
सरकार सिर्फ दो तरह के चार्ज लाने पर विचार कर रही है. यानी भारत में आपको सिर्फ दो तरह के ही चार्जिंग पोर्ट्स देखने को मिलेंगे. 17 अगस्त को कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री ने सभी मुख्य इंडस्ट्री एसोसिएशन और सेक्टर स्पेसिफिक ऑर्गेनाइजेशन की बैठक बुलाई है, जिसमें 'मल्टीपल चार्जिंग के इस्तेमाल को खत्म करने की संभावनाओं पर विचार होगा.'
कंज्यूमर अफेयर सेक्रेटरी (Consumer Affairs Ssecretary) रोहित कुमार सिंह ने इंडस्ट्री लीडर्स को एक लेटर लिखा था. पत्र में रोहित ने कहा है कि भारत में ज्यादातर कंज्यूमर्स छोटे और मीडियम साइज के पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का इस्तेमाल करते हैं. इनमें टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट दिया गया है. बड़ी संख्या में यूजर्स फीचर फोन भी यूज करते हैं, जो अलग चार्जिंग पोर्ट के साथ आता है.
रोहित ने कहा कि वक्त आ गया है कि हम 'सिर्फ दो तरह के चार्जिंग पॉइंट्स' के फ्रेमवर्क पर काम करना शुरू करें. मतलब एक चार्जिंग पोर्ट स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, ईयरबड्स, स्पीकर जैसे छोटे और मीडियम साइज वाले डिवाइसेस के लिए इस्तेमाल होगा. वहीं दूसरा फोन्स के लिए प्रयोग होगा.
इसका सबसे ज्यादा प्रभाव ऐपल पर पड़ेगा. ऐपल अपने स्मार्टफोन्स में लाइटनिंग केबल का इस्तेमाल करता है. ऐपल iPhone के साथ बॉक्स में चार्जर भी नहीं देती है और उसकी बड़ी कमाई का जरिया चार्जर हैं. ऐसे में चार्जिंग पोर्ट के कॉमन होने से ऐपल कंपनी का घाटा हो सकता है.