![Chandrayaan 2: भारत के लिए ऐतिहासिक पल, चंद्रयान-2 हुआ लॉन्च, विश्वपटल पर बाहुबली के साथ ISRO रचेगा सबसे बड़ा इतिहास Chandrayaan 2: भारत के लिए ऐतिहासिक पल, चंद्रयान-2 हुआ लॉन्च, विश्वपटल पर बाहुबली के साथ ISRO रचेगा सबसे बड़ा इतिहास](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/07/modi-01-380x214.jpg)
अंतरिक्ष में भारत (India) एक बार फिर इतिहास रच रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) देश के दूसरे मून मिशन 'चंद्रयान-2' (Chandrayaan 2) को श्रीहरिकोटा (Sriharikota) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre) से लॉन्च कर चुका है. यह एक ऐतिहासिक पल है और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का दिन भी. 'चंद्रयान-2' के लॉन्च के साथ ही भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने चंद्रमा (Moon) पर अपना खोजी यान उतारा. पूरी दुनिया की नजरें भारत के इस महत्वाकांक्षी मिशन पर है.
इसरो प्रमुख के सिवन ने चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर सभी को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह एक एतिहासिक यात्रा की शुरुआत है. वक्त रहते हुए तकनीकी खामियां दूर कर ली गईं. इसके लिए सभी वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की है.
'चंद्रयान-2' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) क्षेत्र में उतरेगा. ISRO के अनुसार दक्षिणी ध्रुव में अब तक कोई देश नहीं गया है. चांद को फतह कर चुके अमेरिका, रूस और चीन ने अभी तक इस जगह पर कदम नहीं रखा है. 'चंद्रयान-2' यहां चांद के अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा. जो चांद पर पानी की मौजूदगी तलाशने के अलावा भविष्य में यहां मनुष्य के रहने की संभावना भी तलाशेगा. माना जा रहा है कि भारत इस मिशन मून के जरिए दूसरे देशों पर बढ़त हासिल कर लेगा.
श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 हुआ लॉन्च
#WATCH: GSLVMkIII-M1 lifts-off from Sriharikota carrying #Chandrayaan2 #ISRO pic.twitter.com/X4ne8W0I3R
— ANI (@ANI) July 22, 2019
इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन 'चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा. इस अभियान पर 978 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
NASA के मंगल ग्रह पर भेजे गए रोवर मिशन से जुड़े वैज्ञानिक अमिताभ घोष (Amitabha Ghosh) ने कहा, 'चंद्रयान 2' की की�item">टेक