Jagannath Puri Rath Yatra 2025 Live Streaming: जगन्नाथ रथ यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, बारिश में भी नहीं डगमगाई आस्था; लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखें सीधा प्रसारण
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Jagannath Puri Rath Yatra 2025 Live Streaming: हर साल की तरह इस बार भी श्री जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा ने करोड़ों श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति की लहर दौड़ा दी है. सुबह से ही रथ यात्रा की तैयारियों ने पूरे शहर को भक्ति के रंग में रंग दिया. बारिश की चेतावनी के बावजूद लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी के रथ को खींचने के लिए उमड़े हैं. इसके साथ ही 'जय जगन्नाथ' के जयकारों से पूरा माहौल गूंज रहा है. इस साल की रथ यात्रा में खास ध्यान पर्यावरण पर भी दिया गया है. मंदिर प्रशासन ने प्लास्टिक की जगह बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बने प्रसाद और पैकेजिंग का इस्तेमाल किया है. श्रद्धालुओं को भी पर्यावरण का ध्यान रखने की अपील की गई है.

रथ यात्रा का सीधा प्रसारण अलग-अलग एंगल्स से हो रहा है, जिसमें रथ खींचने की परंपरा, ‘पाहंडी’ और ‘छेरा पहाड़ा’ जैसे खास पल दिखाए जा रहे हैं.

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जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2025 लाइव स्ट्रीमिंग

करीब 10,000 पुलिसकर्मी सुरक्षा तैनात

बता दें, सुबह 6 बजे 'मंगल आरती' के साथ रथ यात्रा की शुरुआत हुई. इसके बाद 'पाहंडी' नाम की परंपरा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाकर रथों तक ले जाया गया. ये नज़ारा हर किसी को भाव-विभोर कर देने वाला होता है. लाखों भक्त इसे देखने के लिए साल भर इंतजार करते हैं. इस बार भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं. करीब 10,000 पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे हैं और 250 AI कैमरे हर कोने पर नजर बनाए हुए हैं.

श्रद्धालुओं को रथ खींचने के लिए तैयार की गई मजबूत नारियल के रेशों से बनी 8 इंच मोटी रस्सियों को छूने की अनुमति दी गई है, लेकिन सुरक्षा कारणों से लोग बैरिकेड्स के पीछे से ही रस्सी को छू पा रहे हैं.

 'छेरा पहाड़ा' और  ‘महा प्रसाद’ का महत्व

रथ यात्रा की एक खास बात है 'छेरा पहाड़ा' – जब गजपति राजा खुद झाड़ू लगाकर भगवान के रथ की सेवा करते हैं. ये विनम्रता और सेवा की मिसाल मानी जाती है. ‘महा प्रसाद’ की भी अपनी खास महत्ता है – भगवान को रोज़ 56 तरह के व्यंजन चढ़ाए जाते हैं, जिन्हें भक्त बाद में प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इसे 'महाप्रसाद' कहा जाता है, क्योंकि ये सीधे भगवान के भोग का हिस्सा होता है.

श्रद्धा, परंपरा और भक्ति का ऐसा संगम शायद ही कहीं और देखने को मिलता हो. अगले नौ दिन तक चलने वाले इस महोत्सव का समापन ‘बहुदा यात्रा’ के साथ होगा, जब भगवान वापस मंदिर लौटेंगे.