नई दिल्ली, 10 जनवरी: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच जारी चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला में टीम इंडिया कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद मैदान में संघर्ष करती हुई नजर आ रही है. टीम के करीब सात खिलाड़ी चोटिल होने के बाद टीम से बाहर हो चुके हैं. ऐसे में टीम के उपर आगे के मुकाबलों में हार का खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि देश के लिए ऐसे कई मौके आए हैं जब कुछ खिलाड़ियों ने चोटिल होने के बावजूद देश के लिए मैदान में वापसी की है जिनके साहस की आज भी प्रशंसा की जाती है. उनके नाम इस प्रकार हैं-
अनिल कुंबले (Anil Kumble):
भारत के पूर्व कप्तान एवं देश के लिए टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले दिग्गज स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले की साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ में खेली गई संघर्ष भरी पारी कौन भूल सकता है. कुंबले इस मुकाबले में मर्व डिल्लन की गेंद पर जबड़ा टूटने के बावजूद मैदान में डटें रहे. इस मुकाबले में उन्होंने लगभग 20 मिनट तक बल्लेबाजी की. उन्हें जब रन लेना होता था तो दर्द की वजह से इशारे में बात करते थे, रुकना होता था तो हाथ उठाकर जवाब देते थे. आखिरकार कप्तान को 513/9 पर स्कोर डिक्लेयर करना पड़ा.
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कुंबले का जज्बा यही तक नहीं रुका. टीम जब गेंदबाजी के लिए मैदान में उतरी तो वह भी टीम के साथ क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान में उतरे. कुंबले के इस साहस और जज्बे को देख विपक्षी टीम के महान खिलाड़ी विव रिचर्ड्स भी दंग रह गए. रिचर्ड्स ने मैच के खत्म होने के बबाद कुंबले के बारे में बात करते हुए कहा, 'खेल के मैदान पर मैंने इससे ज्यादा बहादुरी की चीज नहीं देखी.'
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly):
देश के पूर्व कप्तान एवं मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की भी साल 2006 में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई संघर्षपूर्ण पारी को लोग आज भी याद करते हैं. गांगुली इस मुकाबले के दूसरे ही ओवर में परवेज महरूफ की एक तेज गेंद पर चोटिल होने के बाद दर्द से कराह उठे थे. इस घटना के पश्चात् उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा, लेकिन लो स्कोरिंग मैच में लगातार भारत के विकेट गंवाने के बाद उन्हें फिर से मैदान में उतरना पड़ा. गांगुली ने इस मुकाबले में पसलियों में लगी चोट के बावजूद युवराज सिंह के साथ मैदान में बल्लेबाजी की और टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
केदार जाधव (Kedar Jadhav):
टीम इंडिया से बाहर चल रहे मध्यक्रम के अनुभवी बल्लेबाज केदार जाधव ने एशिया कप 2018 में हैमस्ट्रिंग के बावजूद मैदान में दोबारा उतरते हुए टीम को आखिरी गेंद पर रोमांचक जीत दिलाई. दरअसल बांग्लादेश के खिलाफ टीम को जीत के लिए 223 रन बनाने थे, लेकिन टीम इंडिया 160 रन पर पांच विकेट गंवाकर मैदान में संघर्ष कर थी. जाधव पहले ही हैमस्ट्रिंग के कारण मैदान से बाहर हो गए थे.
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ऐसे में जडेजा और भुवनेश्वर ने 55 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर टीम को एक बार फिर से जीत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया था, लेकिन अचानक से जडेजा का विकेट गिरने के बाद टीम के उपर फिर से हार का खतरा मंडराने लगा. ऐसे में जाधव ने साहस दिखाते हुए एक बार फिर से मैदान में उतरने का फैसला लिया और टीम को आखिर में जीत दिलाके ही वापस ड्रेसिंग मैदान में लौटे.