भारत के पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान (Irfan Pathan) अपने प्रशंसकों के लिए रमजान (Ramadan) के पवित्र महीने का पालन करने के लिए एक शानदार सुझाव लेकर आए हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि रमजान के दौरान अपने घरों से बाहर निकलने के बजाय आप सभी घरों में रहकर नमाज पढ़ें. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि रमजान के इस पाक महीने में अपने कर्ज को दूर करने के लिए गरीबों और विधवाओं की मदद करें. कोरोनो वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच उन जरूरतमंदों की मदद करें, जिनका खाना, रहना और कमाई का जरिया बंद हो गया है. आपको बता दें कि इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान का महीना बेहद पाक माना जाता है और इस पूरे महीने मुसलमान रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं.
पठान ने आगे कहा कि आप अपने पड़ोस के किराने की दुकान में जाएं और उनसे बहीखाता मांगे. उसमें देखें कि किन लोगों ने उधार पर राशन या अन्य चीजें खरीदी हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपको उस खाते में ऐसे कई गरीब दिखाई देंगे, जिनका पैसा बाकी है, आपके लिए वो धनराशि छोटी होगी पर उन गरीबों के लिए बहुत बड़ी है. ऐसे में दुकानदारों से उनके कर्ज का भुगतान करने का अनुरोध करें और उन गरीबों की मदद करें.
देखें ट्वीट-
What do u think abt this guys?? Obviously if the lockdown is lifted. If not thn speak on the phone to inquire abt this? #Ramadan2020 pic.twitter.com/bbAbelHqu1
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) April 17, 2020
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पठान ने कहा, "अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो इस आइडिया को शेयर करें." पूर्व क्रिकेटर ने अपने मैसेज में कहा कि अगर आप किसीअच्छे काम के लिए कोई सुझाव देते हैं तो यह एक नेक काम में ही गिना जाता है. बता दें कि इरफान पठान और उनके बड़े भाई यूसुफ पठान जो कि पूर्व भारतीय खिलाड़ी रहे हैं, दोनों कोरोना वायरस महामारी के बीच गरीब लोगों को मास्क और खाना देकर उनकी मदद कर रहे हैं.
पठान ने अपने प्रशंसकों से पूछा है कि इस बारे में आप क्या सोचते हैं." उन्होंने आगे कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ा तो आप उनसे फोन पर बात करके यह पूछ सकते हैं." आपको बता दें कि इरफान पठान 2007 में T20 विश्व कप के शुरूआती मैच में 'प्लेयर ऑफ द मैच' थे, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 5 रनों से हराया था और पठान ने फाइनल में तीन विकेट लिए थे.
गौरतलब है कि इस्लामिक कैलेंडर में रमजान का पवित्र महीना चांद के दीदार के बाद भारत में 23 या 24 अप्रैल 2020 से शुरू होगा. इस्लामिक समुदाय के लोग पूरे एक महीने तक रोजा रखते हैं, पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. सूर्योदय से पहले सेहरी के साथ रोजे की शुरुआत होती है और शाम को सूर्यास्त के बाद इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है. हालांकि इस साल कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है.