Fact Check: उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन द्वारा चूहों को पकड़ने को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया ने 16 सितंबर को एक लेख प्रकाशित किया था. जिसमें दावा किया गया था कि उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने तीन वर्षों में 168 चूहों को पकड़ने के लिए 69.5 लाख रुपये खर्च किए हैं. यानी प्रति चूहे के पीछे रेलवे ने 41,000 रपये खर्च किये. वहीं जब इसकी सच्च्चाई प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) जांची और परखी गई तो इस लेख की सत्यता को खारिज कर दिया. पीआईबी ने अपनी जांच में टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख को भ्रम पैदा करने वाला बताया है. पीआईबी के अनुसार यह लागत लखनऊ डिवीजन में बनाए गए सभी कोचों में कॉकरोच, कृंतक, बिस्तर कीड़े, मच्छरों आदि के कीट नियंत्रण के लिए थी.

हालांकि इस बात का खुलासा एक आरटीआई के जवाब से हुआ है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने साल 2020-2022 के दौरान ये पैसा खर्च किया.

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