इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि हमारे देश में यौन उत्पीड़न की शिकार नाबालिग लड़की किसी को झूठा फंसाने के बजाय चुपचाप सहना पसंद करेगी. नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए है हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की. न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की हाई कोर्ट की पीठ ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्य की सराहना करते समय न्यायालय को देश में प्रचलित मूल्यों को ध्यान में रखना चाहिए, विशेष रूप से ग्रामीण भारत में जहां किसी लड़की के लिए किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार होने की झूठी कहानी गढ़ना असामान्य होगा. यह भी पढ़ें: Bombay HC Judgement: नाबालिग से पासपोर्ट रखने का अधिकार नहीं छीना जा सकता; पुणे की छात्रा को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत
एकल न्यायाधीश ने कहा, "बलात्कार पीड़िता का कोई भी बयान उसके लिए बेहद अपमानजनक अनुभव होता है और जब तक वह यौन अपराध की शिकार नहीं होती, तब तक वह किसी और को नहीं बल्कि असली अपराधी को दोषी ठहराएगी." कोर्ट 11 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में बी.एन.एस. की धारा 65(2), 351(2), 332(सी) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 3/4 के तहत दर्ज एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार..
A Minor Rape Survivor In Our Country Would Rather Suffer Silently Than Falsely Implicate Someone: #AllahabadHighCourt | @ISparshUpadhyayhttps://t.co/YQuFKKYzEC
— Live Law (@LiveLawIndia) February 5, 2025
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