आइसलैंड का विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल ब्लू लैगून एक बार फिर ज्वालामुखी विस्फोट की चपेट में आ गया है. हाल ही में सुंधनूकर ज्वालामुखी के फटने से लावा ब्लू लैगून के पार्किंग स्थल तक पहुंच गया और एक सेवा भवन पूरी तरह से नष्ट हो गया.
ज्वालामुखी विस्फोट का घटनाक्रम
बुधवार रात करीब 10:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे विशेषज्ञों को ज्वालामुखी विस्फोट की संभावना का अंदाजा हुआ. रात 11:15 बजे ज्वालामुखी फटने की पुष्टि हुई. विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले विस्फोटों के समान ही यह घटना सुंधनूकर क्षेत्र में हुई, जहां 2024 के पूरे साल लगातार हलचल बनी रही.
ब्लू लैगून पर प्रभाव
घटना के तुरंत बाद ब्लू लैगून को बंद कर दिया गया और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. हालांकि, रक्षा दीवारों ने लावा को रिसॉर्ट के मुख्य क्षेत्र में पहुंचने से रोक लिया, लेकिन पार्किंग स्थल और एक सेवा भवन को भारी नुकसान हुआ. ब्लू लैगून प्रशासन ने वेबसाइट पर एक संदेश जारी कर कहा कि स्थिति का आकलन करने के लिए 24 नवंबर तक रिसॉर्ट बंद रहेगा.
WATCH: Lava flows into Blue Lagoon car parking lot, destroys building after Iceland volcano erupts again
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) November 21, 2024
ग्रिंडाविक और आसपास के क्षेत्रों में खतरा
ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आसपास के ग्रिंडाविक कस्बे को भी खाली कराना पड़ा. यह क्षेत्र पिछले साल के अंत से लगातार ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण खतरे में रहा है.
BREAKING: The entire parking lot of the Blue Lagoon in Iceland is now under lava.
Except for a few light poles at the end of what used to be a parking lot, the lava appears to have spread slightly.
It is impossible to tell the harm at this time. pic.twitter.com/ccxQTR38UR
— Nyombi Morris (@mnyomb1) November 21, 2024
आकाशीय नज़ारा और पर्यटकों की प्रतिक्रिया
इस विस्फोट का अद्भुत दृश्य हवाई यात्रियों ने भी देखा. ईज़ीजेट फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक यात्री ने विस्फोट की चमकती तस्वीरें साझा कीं और इसे जीवन का सबसे यादगार पल बताया.
आइसलैंड में ज्वालामुखीय गतिविधियां सामान्य
आइसलैंड यूरेशियन और नॉर्थ अमेरिकन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच स्थित है और यहां करीब 130 ज्वालामुखी हैं. इनमें से अधिकांश निष्क्रिय हैं, लेकिन हाल के वर्षों में सक्रिय ज्वालामुखियों की घटनाएं बढ़ी हैं.
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि प्रकृति की ताकत के आगे इंसान कितना असहाय है. हालांकि, स्थानीय प्रशासन और विशेषज्ञों की सतर्कता ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया. उम्मीद है कि ब्लू लैगून और प्रभावित क्षेत्रों में जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.