एक पोस्ट COVID रिकवरी में सर गंगा राम अस्पताल में ईएनटी सर्जन 15 दिनों के भीतर कोरोनोवायरस के 12 से अधिक मामलों में घातक Mucormycosis fungus शुरू चुके हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है, नाक और जबड़े की हड्डी हट जाती है और मृत्यु दर 50 प्रतिशत हो जाती है. इसमें मस्तिष्क की भी भागीदारी है. सर गंगा राम की ईएनटी और आई टीम को पिछले एक पखवाड़े में लगभग 10 रोगियों में रिसेक्शन प्रक्रिया (छिलाई) करनी पड़ी, जिसमें लगभग 50 प्रतिशत लोग आँखों की रोशनी स्थायी रूप से खो चुके हैं. अन्य संबद्ध जटिलताओं के कारण इनमें से पांच रोगियों को महत्वपूर्ण देखभाल की आवश्यकता थी. गंगा राम अस्पताल के आधिकारिक संस्करण के अनुसार, इस उपसमूह में पांच दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु भी हुई हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, COVID-19 रोगियों में इस वायरस के होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि यह हवा में है. उनके अनुसार यह एक सर्वव्यापी कवक है, जो पौधे, जानवर और हवा में मौजूद है लेकिन यह कोविड रिकवर्ड मरीजों पर हमला कर रहा है क्योंकि उन्हें स्टेरॉयड दिए गए हैं. सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. मनीष मुंजाल ने एएनआई को बताया, “यह एक वायरस है और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में प्रवेश करता है. यह कवक (फंगस) शरीर में आता है और उस हिस्से को नष्ट कर देता है जहां से वह प्रवेश करता है. कोविड से ठीक होनेवाले रोगियों को स्टेरॉयड की एक बड़ी खुराक दी जाती है ताकि साइटोकिन स्टॉर्म (Cytokine storm ) को कम किया जा सके, इससे घातक फफूंद संक्रमण जैसे घातक म्यूकोर्मोसिस (Mucormycosis) को शरीर में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है."
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With 50pc mortality, 50pc eyesight loss, covid triggered deadly Mucormycosis fungus worry health fraternity
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— ANI Digital (@ani_digital) December 14, 2020
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"यह Mucormycosis को नाक की नसों से आंखों और मस्तिष्क तक यात्रा करने की अनुमति देता है और यदि इसे डिटेक्ट नहीं किया गया तो यह कुछ ही दिनों में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में मृत्यु का कारण बन सकता है. इसके अलावा यह रोगी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. डॉ. मुंजाल ने कहा कि इससे आंखें, जबड़े की हड्डियां के अंग डैमेज हो जाते हैं.
यदि इस बिमारी के बारे में समय रहते ही पता चल जाता है, तो प्रारंभिक इलाज से ही नुकसान को रोका जा सकता है. सर गंगा राम अस्पताल के एक वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. शालू बागेजा के अनुसार, "ऑर्बिटल भागीदारी की वजह से इस बीमारी में गंभीर विकास होता है, जिसकी वजह से न केवल आंखों की स्थाई रोशनी और ब्रेन का इन्वाल्मेंट होने के कारण मौत भी हो जाती है.
इसके लक्षण हैं चेहरे का सुन्न होना, एक तरफ की नाक में ब्लॉकेज या आंखों में सूजन या दर्द. यहां ईएनटी सर्जन कल्चर के लिए नमूने लेते हैं और निश्चित चिकित्सा उपचार शुरू करते हैं जो हानि को रोक सकता है. हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि उपचार जल्दी और शीघ्र होना चाहिए क्योंकि कोविड की वजह से मरीज पहले से ही कमजोर हो जाते हैं और उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता हैं.