Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2023: सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को सरदार पटेल और 'भारत के लौह पुरुष' के नाम से भी जाना जाता है. वह भारत के पहले उप प्रधान मंत्री थे. सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह एक वकील थे. भारत सरकार ने उनके जन्मदिन 30 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (राष्ट्रीय एकता दिवस) के रूप में घोषित किया. 1918 में महात्मा गांधी से प्रेरणा प्राप्त करने के बाद, सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक अमीर वकील की अपनी छवि को बदलने की कोशिश की और किसानों के लिए लड़ना शुरू कर दिया. 1928 में अकाल और बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बढ़ाए गए करों के खिलाफ गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के विरोध के कारण उन्हें 'सरदार' की उपाधि से सम्मानित किया गया था. यह भी पढ़ें: Vijay Diwas 2023: जब भारतीय सेना ने 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों पर बिना गोली चलाये आत्म-समर्पण करवाया! जानें शौर्य एवं संयम की वह विजय-गाथा!
1942 में खराब स्वास्थ्य से जूझने के बावजूद, पटेल ने भारत छोड़ो आंदोलन में जनता को प्रेरित करने में प्रमुख भूमिका निभाई. पटेल ने स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में भी कार्य किया. सरदार वल्लभभाई पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को हुई. पटेल दमनकारी ब्रिटिश शासन के विरोध में गांधी के सत्याग्रह के विचार से बहुत प्रभावित थे. सरदार पटेल स्वभाव से शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे, लेकिन उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है. उनकी पुण्यतिथि पर आप लौह पुरुष के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
1. "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है."- वल्लभ भाई पटेल
2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए."- वल्लभ भाई पटेल
3. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं." - वल्लभ भाई पटेल
4. "मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए. लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा. कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा'. - वल्लभ भाई पटेल
5. "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये." - वल्लभ भाई पटेल
6. "अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे."- वल्लभ भाई पटेल
7. "आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए."- वल्लभ भाई पटेल
8. "मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे."- वल्लभ भाई पटेल
9. "जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए." - वल्लभ भाई पटेल
10. "संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता. " - वल्लभ भाई पटेल
सरदार पटेल ने ब्रिटिश आधिपत्य से मुक्त हुई लगभग 565 स्वशासित रियासतों को भारत संघ में शामिल होने के लिए राजी करने की अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की. नव स्वतंत्र देश की राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें "भारत का लौह पुरुष" की उपाधि मिली. स्वतंत्रता के पहले तीन वर्षों के दौरान, वह उप प्रधान मंत्री, गृह मामलों के मंत्री, सूचना मंत्री और राज्यों के मंत्री थे. सबसे बढ़कर, उनकी स्थायी प्रसिद्धि भारतीय रियासतों के भारतीय संघ में शांतिपूर्ण एकीकरण और भारत के राजनीतिक एकीकरण की उनकी उपलब्धि पर टिकी हुई है.