Jashne Eid Milad Un Nabi 2024 Mehndi Designs: इस्लाम धर्म में पैगंबर मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad) के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi) के तौर पर मनाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को पैगंबर मोहम्मद का जन्म सऊदी अरब के मक्का में हुआ था, इसलिए इस दिन जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया जाता है, जिसे मावलिद (Mawlid) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी (Jashne Eid Milad Un Nabi) का त्योहार 16 सितंबर 2024 को मनाया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि अल्लाह ने हजरत मोहम्मद को एक अवतार के रूप में धरती पर भेजा था, जिसका उद्देश्य समाज में फैले अंधकार और बुराइयों को खत्म करना था.
दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ईद की तरह ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व भी काफी मायने रखता है, इसलिए लोग इस पर्व को मनाने की खास तैयारी भी करते हैं. खासकर, महिलाएं इस जश्न को मनाने के लिए हाथों और पैरों में मेहंदी (Mehandi) रचाती हैं, इसके लिए वो इंटरनेट पर सिंपल मेहंदी डिजाइन्स (Simple Mehndi Designs) की तलाश में जुट जाती हैं. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी स्पेशल सिंपल मेहंदी डिजाइन्स, जिसे आप अपने हाथों और पैरों पर रचाकर इस पर्व को और भी खास बना सकती हैं. यह भी पढ़ें: Eid Milad-Un-Nabi 2024 Mehndi Designs: ईद-मिलाद-उन-नबी पर हाथों में रचाएं खूबसूरत मेहंदी, देखें लेटेस्ट डिजाइन्स
ईद-मिलाद-उन-नबी बैक हैंड मेहंदी
ईद-मिलाद-उन-नबी फ्रंट हैंड मेहंदी
पैरों के लिए खूबसूरत मेहंदी डिजाइन
जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी स्पेशल मेहंदी
जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी सिंपल मेहंदी
सिंपल मेहंदी डिजाइन फोटो 2024
मावलिद स्पेशल चांद वाली मेहंदी
सिंपल बैक हैंड मेहंदी डिजाइन
चांद वाली सिंपल मेहंदी डिजाइन
ट्रेडिशनल बैक हैंड मेहंदी पैटर्न
ट्रेडिशनल फ्रंट हैंड मेहंदी पैटर्न
ईद स्पेशल पैरों के लिए सिंपल मेहंदी
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व इस्लाम धर्म के मार्गदर्शक और अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) से जुड़ा हुआ है. पैगंबर मुहम्मद के यौम-ए-पैदाइश यानी जन्म को ही ‘मिलाद’ कहा जाता है, जो कि एक अरबी शब्द है. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मान्यताएं भी हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यह दिन पैगंबर मुहम्मद के जन्म के साथ ही मौत की भी तारीख है, इसलिए इसे बारह-वफात यानी मौत का दिन भी कहा जाता है.