Ganga Dussehra 2019: गंगा दशहरा के दिन पापों से मुक्ति पाने के लिए लोग लगाते हैं आस्था की डुबकी, जानें स्नान और पूजा का शुभ मुहूर्त
गंगा दशहरा 2019 (Photo Credits: ANI)

Happy Ganga Dussehra 2019: आज देशभर में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व मनाया जा रहा है और करोड़ों भक्त पवित्र गंगा नदी (Holy River Ganga) में आस्था की डुबकी लगाकर मां गंगा (Maa Ganga) की पूजा-अर्चना करते नजर आ रहे हैं. दरअसल, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पूरे भारत में गंगा दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व बताया जाता है. इस दिन भारी तादात में भक्त गंगा तट पर पहुंचते हैं और गंगा में स्नान करते हैं. इसके बाद मां गंगा की उपासना की जाती है और दान पुण्य किए जाते हैं. कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को 10 पापों से मुक्ति मिलती है.

इस दिन गंगा में स्नान करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. अगर किसी कारणवश आप गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो किसी दूसरी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. इसके अलावा नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी गंगा स्नान का पुण्य अर्जित किया जा सकता है.

गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर बनारस (Varanasi) के गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है. यहां सभी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर, मां गंगा की पूजा-अर्चना करते नजर आ रहे हैं. यह भी पढ़ें: Ganga Dussehra 2019: गंगा दशहरा पर स्नान करने से मिलती है 10 पापों से मुक्ति, 75 साल बाद इस पर्व पर बन रहे हैं ये दस शुभ संयोग

बनारस के गंगा तट पर उमड़ा भक्तों का सैलाब- 

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त

आज यानी 12 जून 2019 को गंगा दशहरा का पर्व दस शुभ संयोग के साथ मनाया जा रहा है. आज ज्येष्ठ योग, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण योग, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, शुक्ल पक्ष योग और वृष राशि का सूर्य होने के कारण बेहद शुभ और महाफलदायक योग बना है.

गंगा दशहरा पर सुबह 5.45 से शाम 6.27 बजे तक दशमी तिथि होगी. इस मुहूर्त में पूजा और दान करना बेहद शुभ होगा, लेकिन स्नान करने के लिए तड़के 4.15 से सुबह 5.25 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त है, जिसमें स्नान करना उत्तम फलदायी माना जा रहा है.

10 की संख्या का है अधिक महत्व

मान्यताओं के अनुसार, गंगा जी के अवतरण के इस पावन दिन पर गंगा नदी में स्नान और गंगा पूजन करने से 10 प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. इनमें तीन प्रकार के दैहिक पाप, चार प्रकार के वाणी द्वारा किए हुए पाप और तीन प्रकार के मानसिक पाप दूर होते हैं.

इसके अलावा अगर आप इस दिन किसी वस्तु से पूजन कर रहे हैं तो उसकी संख्या दस होनी चाहिए. आप जिस वस्तु का भी दान करें उसकी संख्या भी 10 होनी चाहिए. गंगा नदी में स्नान करते समय 10 बार डुबकी लगानी चाहिए और दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए. यह भी पढ़ें: Ganga Saptami 2019: गंगा सप्तमी के दिन भगवान शिव की जटा से धरती पर आई थीं मां गंगा, भागीरथ की तपस्या से हुई थीं प्रसन्न

गंगा दशहरा का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऋषि भागीरथ ने राजा सागर के 60,000 बेटों का उद्धार करने, उन्हें कपिल मुनि के श्राप से मुक्ति दिलाने और धरती वासियों की प्यास को बुझाने के लिए कई सालों तक मां गंगा की कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकार मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से होती हुई धरती पर अवतरित हुईं. कहा जाता है कि मां गंगा का अवतरण ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है.