Choti Diwali 2021: कब है छोटी दीवाली? जानें इसका महत्व, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त
छोटी दिवाली 2020 (Photo Credits: File Image)

कार्तिक मास कृष्णपक्ष में 14वीं तिथि यानी धनतेरस के अगले दिन छोटी दीवाली का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व के दीवाली से जुड़े होने के कारण हिंदु धर्म में इसका विशेष महत्व है. इस पर्व को 'अनंत चौदस', 'काली चौदस' और 'नरक चतुर्दशी' के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष छोटी दीवाली 3 नवंबर, बुधवार, 2021 को मनाई जाएगी. आइये जानते हैं छोटी दीपावली क्यों और कैसे मनाई जाती है, तथा इसका महत्व, पूजा विधि एवं मुहूर्त क्या है? Diwali 2021: यूपी के मुरादाबाद की एक महिला ने बनाए दिवाली के लिए चॉकलेट पटाखे, मुंह मीठा कर उत्सव मनाने की अपील.

छोटी दिवाली का महत्व

छोटी दीवाली के संदर्भ में पौराणिक कथाओं में उल्लेखित है कि प्रागज्योतिषपुर नगर का दैत्यराज नरकासुर के अत्याचार से समस्त जनता पीड़ित थी. वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं को परेशान करता था. एक दिन उसने देवताओं की सोलह हजार बेटियों को कैद कर लिया. नरकासुर ने सभी देवी-देवताओं की माँ के रूप में विख्यात देवी अदिति के सोने के झुमके छीन लिए.

भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा को यह बात पता चली तो उसने श्री कृष्ण से नरकासुर की उद्दंता बताते हुए नरकासुर को सज़ा देने की प्रार्थना की, तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर देवताओं की कन्‍याओं को कैदमुक्‍त कराया. इसके बाद से यह दिन छोटी दीवाली के रूप में मनाई जा रही है.

छोटी दीवाली पूजा विधि

छोटी दीवाली के दिन सुबह सवेरे स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुभ मुहूर्त पर पूजा प्रारंभ करें. लकड़ी की एक छोटी सी चौकी लें, इस पर लाल रंग का आसन बिछाएँ. इस पर भगवान श्रीगणेश एवं देवी लक्ष्मी की तस्वीर रखें. तस्वीर के सामने चांदी के सिक्के रखें. एक बड़ी प्लेट में स्वास्तिक बनाएं, इसके चारों और 11 मिट्टी के दीपक रखें, बीच में चारमुखी दीपक रखें.

अब 11 दीयों में चीनी, मखाना, खील या मुरमुरा रखें. अब 11 दीपक, एवं बीच में स्थित चारमुखी दीपक जलायें. रोली और अक्षत से लक्ष्मीजी एवं गणेश जी को तिलक लगाकर पंचोपचार विधि से पूजा करें. एक शुद्ध घी का दीप जलाकर लक्ष्मी जी के सामने रखें. अब लाल पुष्प, अक्षत, इत्र, एवं खोए की मिठाई अर्पित करें. अब इस लक्ष्मी मंत्र "श्रीम स्वाहा" का कम से कम 108 बार जाप करें. अपनी कामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें.

नरक चतुर्दशी 2021 शुभ मुहूर्त

अभयंगा स्नान मुहूर्त 05.40 AM से 06.03 AM तक