Baisakhi 2021 Messages in Hindi: बैसाखी (Baisakhi) को मुख्य रूप से किसानों का पर्व (Festival Of Farmers) कहा जाता है, जिसे पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बैसाखी का नाम सुनते ही कानों में पंजाबी ढोल की ताल सुनाई देने लगती है, दिलो-दिमाग में भांगड़ा की तस्वीरें उभरने लगती है. फसलों के पकने के इस त्योहार को सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. बंगाल में इसे पोइला बैसाख, केरल में विशु, असम में बोहाग बिहू, तमिलनाडु में पुथांडु जैसे नामों से जाना जाता है. बैसाखी का त्योहार अक्सर 13 अप्रैल को मनाया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसे 14 अप्रैल को भी मनाया जाता है. इस साल 13 अप्रैल को बैसाखी मनाई जा रही है.
बैसाखी का त्योहार किसान फसल काटने की खुशी में मनाते हैं.कहा जाता है कि इसी दिन यानी 13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बैसाखी को पंजाबी और सिख नव वर्ष के तौर पर मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन शानदार मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस को भेजकर अपनों को बैसाखी की लख-लख बधाइयां कह सकते हैं.
1- सुबह से शाम तक वाहेगुरू की कृपा,
ऐसे ही गुजरे हर एक दिन,
न कभी हो किसी से गिला-शिकवा,
एक पल न गुजरे खुशियों बिन.
बैसाखी की लख-लख बधाइयां
2- नच ले, गा ले हमारे साथ,
आई है बैसाखी खुशियों के साथ,
मस्ती में झूम और खीर पूरी खा,
और न कर तू दुनिया की परवाह,
बैसाखी की लख-लख बधाइयां
3- तुस्सी हसदे हो सानू हसान वास्ते,
तुस्सी रोने ओ सानू रुआन वास्ते,
इक वारी रुस के ता वेखो सोनेओ,
मर जावांगे तुआनू मनान वास्ते,
बैसाखी दा दिन है खुशियां मनान वास्ते.
बैसाखी की लख-लख बधाइयां
4- सुनहरी धूप बरसात के बाद,
थोड़ी सी खुशी हर बात के बाद,
उसी तरह हो मुबारक आपको,
ये नई सुबह कल रात के बाद!
बैसाखी की लख-लख बधाइयां
5- बैसाखी का खुशहाल मौका है,
ठंडी हवा का झोंका है,
पर आपके बिना अधूरा है सब,
लौट आओ हमने खुशियों को रोका है.
बैसाखी की लख-लख बधाइयां
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में रबी यानी गेंहू की फसल कटती है, जिसे बेचकर किसानों की अच्छी कमाई होती है, इसलिए पंजाब और हरियाणा में किसानों के इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन पंजाब में मेले का आयोजन किया जाता है. इस दिन देशभर के गुरुद्वारों को सजाया जाता है, जहां लोग अरदास करने और मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं. गुरुद्वारे में नगर कीर्तन किया जाता है और लोग जमकर नाचते-गाते और भांगड़ा करते हुए बैसाखी का त्योहार मनाते हैं.