Chaand Mubarak 2024 Messages in Hindi: इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीने माह-ए-रमजान (Ramzan) का हर मुसलान को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस साल 11 मार्च 2024 से रमजान के शुरु होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन रमजान के शुरु होने की यह तिथि चांद के दीदार पर निर्भर करती है. रमजान इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का नौवां महीना है. महीने की अवधि शव्वाल (Shawwal) के चांद के दीदार के आधार पर 29 या 30 दिनों की होती है. शव्वाल के चांद का दीदार होने के बाद रमजान महीने (Ramzan Month) का समापन हो जाता है और शव्वाल के पहले दिन ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. रमजान को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है, ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र महीने के दौरान कुरआन पहली बार पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के सामने प्रकट हुआ था.
रमजान के महीने में चांद का विशेष महत्व है, क्योंकि चांद के दीदार के आधार पर ही माह-ए-रमजान और रोजे की शुरुआत होती है. भारत में रमजान का पहला रोजा चांद के दीदार होने के बाद अगले दिन से रखा जाता है. जैसे ही आसमान में रमजान का चांद नजर आता है, लोग एक-दूसरे को चांद मुबारक कहते हैं. ऐसे में आप भी चांद मुबारक के इन हिंदी मैसेजेस, शायरी, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को बधाई दे सकते हैं.
1- चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको...
चांद मुबारक
2- ऐ चांद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना,
खुशी का दिन और हंसी की शाम देना,
जब वो करें तेरा दीदार बाहर आकर,
उनको मेरी तरफ से रमजान मुबारक कह देना.
चांद मुबारक
3- खुदा करे हर रात चांद बनकर आए,
दिन का उजाला शाम बनकर आए,
कभी ना दूर हो आपके चेहरे की मुस्कुराहट,
हर दिन ऐसा मेहमान बनकर आए.
चांद मुबारक
4- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
और आपको हमारी तरफ से,
चांद मुबारक
5- तू मेरी दुआओं में शामिल है इस तरह,
फूलों में होती है खुशबू जिस तरह,
अल्लाह तुम्हारी जिंदगी में इतनी खुशियां दें,
जमीन पर होती है बारिश जिस तरह...
चांद मुबारक
गौरतलब है कि रमजान के चांद के दीदार के बाद दुनिया भर के मुसलमान एक-दूसरे को चांद मुबारक कहते हैं और अगले दिन से रोजा रखते हैं. दुनिया भर के लाखों मुसलमान रमजान के पूरे महीने सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत में अपना ज्यादातर समय बिताते हैं. इस महीने रोजा रखने के अलावा दुनिया भर के मुसलमान नेकी और सबाब का काम करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस महीने अल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उनकी हर दुआ कुबूल होती है.