कहावत मशहूर है ‘प्यार किया नहीं जाता हो जाता है’, और तब न उम्र दिखता है ना वर्ण. न व्यक्तित्व न शिक्षा-दीक्षा. यही वजह है कि कभी-कभी बेमेल जोड़े भी विवाह के बंधन में बंध जाते हैं. बेमेल से आशय उम्र का लंबा फासला, व्यक्तित्व में जमीन आसमान का फर्क, विपरीत जाति-वर्ण इत्यादि-इत्यादि. जहां तक एज गैप की बात किया जाए तो ऐसी शादियां बहुत ज्यादा सफल नहीं होतीं. इस संदर्भ में अटलांटा विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में पाया गया कि पति-पत्नी की उम्र में अधिकतम 5 साल का अंतराल होना चाहिए, इससे ज्यादा होने पर तलाक और आये दिन विवाद की संभावनाएं रहती हैं. लेकिन अगर आप विवाह के सूत्र में बंध ही गये हैं तो आपको चाहिए कि छोटे-मोटे मनभेद अथवा मतभेद को आपसी सूझबूझ से दूर करें, और जीवन की गाड़ी को सफलता की पटरी पर दौड़ाएं. यहां 6 कारगर और आसान टिप्स दिये जा रहे हैं.
मतभेदों को स्वीकार करें!
उम्र के लंबे गैप वालों की रुचियों से लेकर दृष्टिकोण तक में कुछ न कुछ विवाद उत्पन्न होते रहते हैं, और ये स्वाभाविक भी है, क्योंकि एक साथी करियर की शीर्ष पर होता है, दूसरा शीर्ष की ओर कदम बढ़ा रहा होता है. इस तरह उत्पन्न विचारों को मन में जगह ना दें. दोनों पक्ष एक दूसरे की सफलता का श्रेय एक दूसरे को दें, जीवन शैली के साथ ऐसा तारतम्य स्थापित करें, कि देखने वाले आपको प्रेरणा स्त्रोत मानें.
बड़ी उम्र के ज्ञानी या युवा होने के प्रदर्शन से बचें!
उम्र के बीच भारी अंतराल के बावजूद एक दूसरे को सिखाने या समझाने के बजाय एक दूसरे को पूर्ण वयस्क के रूप में देखें. कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि कि कुछ बताने अथवा कोई बात बताने के लिए डांटा अथवा संरक्षण देने जैसा वाकया उसके साथ किया जाए, खासकर तब जब बहुत ज्यादा सीनियर होने के नाते ज्ञान बांट रहे हैं. इसी तरह अगर आप युवा हैं तो अपने साथी को बूमर या पुराने खयाल वाले वाक्यांशों का प्रयोग करने से बचें. केवल उम्र ही किसी की परिपक्वता का मापदंड नहीं हो सकता.
आपसी हितों को पहचानें!
अपने आपसी हितों पर ध्यान केंद्रित कर उम्र के अंतराल में संतुलन बनाये रखने का प्रयास करें. ऐसी गतिविधियों में भाग लें, जो आप दोनों को प्रिय लगे, आप पाएंंगे कि उम्र के फासले से आया मसला अपने आप सुलझ जाएगा. एक दूसरे के मित्रों से मिलना और उनकी बातें सुनकर आपके बीच एक अलग एक्साइटमेंट उत्पन्न हो सकता है. एक दूसरे के जीवन में ज्यादा से ज्यादा शामिल होकर एक दूसरे की दुनिया का अन्वेषण करें.
अपने लिए कुछ वक्त निकालें!
रिश्तों में मधुरता के लिए संतुलन बहुत जरूरी है. जीवन में फ्रेशनेस लाने के लिए 15 दिन में एक बार कहीं घूमने-फिरने निकलें. बेहतर होगा कि इस ट्रिप का हिस्सा अपने मित्रों को भी बनाएं. अपने रिश्ते में एक दूसरे की विशिष्टता को बनाये रखना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना सामान्य हितों को विकसित करना.
कम्युनिकेशन गैप दूर करें!
आप जो भी करें, लेकिन अपनी उम्र को तिल का ताड़ न बनने दें. बल्कि आप लोग खुले तौर पर और पूरी ईमानदारी से उत्पन्न मुद्दों का समाधान निकालने का प्रयत्न करें. ध्यान रहे विवाद कितना भी बड़ा हो कम्युनिकेशन गैप को दूर कर रिश्तों को स्वस्थ और सरल बनाने की कोशिश करें.
रिश्ते का सम्मान करें!
किसी मुद्दे पर आपके बीच झगड़े बढ़ रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि इसकी वजह केवल उम्र-गैप है. उम्र, लिंग और सांस्कृतिक मतभेदों की परवाह किए बिना एक मजबूत भावनात्मक और शारीरिक संबंध किसी भी रिश्ते को महत्वपूर्ण और मधुर बनाता है. अपने से अधिक या कम उम्र के व्यक्ति के साथ रिश्ते में रहने के अपने निर्णय पर आश्वस्त रहें.