पहाड़ों से लेकर मैदानों तक आफत की बारिश | ANI
नई दिल्ली: देशभर के अधिकांश राज्यों में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है. मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों तक हो रही मूसलाधार बारिश जारी है. पहाड़ों में नदियां रौद्र रूप ले चुकी है और मैदानों में भी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. पहाड़ों से लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं, मैदानी इलाकों में नदियों और बरसात का पानी लोगों की आफत बढ़ा रहा है. दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. सोमवार शाम पांच बजे दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. खतरे को देखते हुए यमुना नदी के पास रह रहे लोगों को वहां से हटाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर, मंडी इलाके में स्थित पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूबा.
हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से नदी में अधिक पानी छोड़े जाने से दिल्ली में यमुना का पानी चेतावनी के स्तर 204.5 मीटर को सोमवार को पार कर गया. यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए दिल्ली सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है.
दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप
दिल्ली पर बड़ा खतरा
पहाड़ों से लेकर मैदान तक बारिश ही बारिश
उत्तर पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘‘भारी से अत्यधिक भारी’’ वर्षा दर्ज की गई. इससे नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नही मूसलाधार बारिश जारी है. पहाड़ों में नदियां रौद्र रूप ले चुकी है और मैदानों में भी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है.
देश
Vandana Semwal|
Jul 10, 2023 06:25 PM IST
पहाड़ों से लेकर मैदानों तक आफत की बारिश | ANI
नई दिल्ली: देशभर के अधिकांश राज्यों में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है. मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों तक हो रही मूसलाधार बारिश जारी है. पहाड़ों में नदियां रौद्र रूप ले चुकी है और मैदानों में भी तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. पहाड़ों से लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं, मैदानी इलाकों में नदियों और बरसात का पानी लोगों की आफत बढ़ा रहा है. दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. सोमवार शाम पांच बजे दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. खतरे को देखते हुए यमुना नदी के पास रह रहे लोगों को वहां से हटाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर, मंडी इलाके में स्थित पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूबा.
हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से नदी में अधिक पानी छोड़े जाने से दिल्ली में यमुना का पानी चेतावनी के स्तर 204.5 मीटर को सोमवार को पार कर गया. यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इसको देखते हुए दिल्ली सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है.
दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप
दिल्ली पर बड़ा खतरा
पहाड़ों से लेकर मैदान तक बारिश ही बारिश
उत्तर पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘‘भारी से अत्यधिक भारी’’ वर्षा दर्ज की गई. इससे नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं.
हिमाचल में हालात खराब
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बारिश का कहर जारी है जहां पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी अलग-अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं. मौसम विभाग ने सोमवार को अत्याधिक बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के चलते जगह - जगह भूस्खलन हुआ, घरों को नुकसान हुआ और लोगों को जान भी गंवानी पड़ी.
हिमाचल में खौफनाक स्थिति
यह मंजर आपको डरा देगा
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण अवरुद्ध है. शिमला-किन्नौर सड़क भी भूस्खलन और चट्टानें गिरने के कारण यातायात के लिए बंद है. भारी बारिश के कारण हिमाचल सड़क परिवहन निगम के 876 बस मार्ग प्रभावित हुए हैं और 403 बसें विभिन्न स्थानों पर फंस गई हैं.
उत्तराखंड में भी भूस्खलन
उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर सोमवार को भी बारिश और भूस्खलन होने से कई मार्गों पर यातायात अवरुद्ध हुआ. भारी बारिश होने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर, राज्य पुलिस ने लोगों से बहुत जरूरी नहीं होने पर पहाड़ों की यात्रा से बचने का अनुरोध किया है. लगातार बारिश होने से गंगा सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं. हरिद्वार में सुबह आठ बजे गंगा नदी का जलस्तर 292 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के स्तर 294 मीटर से केवल दो मीटर नीचे है.
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा, 'पहाड़ी मार्गों पर भूस्खलन होने की आशंका है, इसलिए पहाड़ों की यात्रा करने से बचें.' उन्होंने कहा, ‘‘अनावश्यक यात्रा नहीं करें, सुरक्षित स्थान पर ही रहें. किसी भी सहायता के लिए हमें 112 नंबर पर सूचना दें, हम आप तक पहुंचेंगे.’’