![West Bengal: पश्चिम बंगाल सरकार ने छह नए मेडिकल कॉलेजों का रखा प्रस्ताव West Bengal: पश्चिम बंगाल सरकार ने छह नए मेडिकल कॉलेजों का रखा प्रस्ताव](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/05/1483446508_mamata-banerjee-380x214.jpg)
कोलकाता: राज्य (State) में डॉक्टरों (Doctors) की संख्या बढ़ाने के प्रयास में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार ने राज्य में छह नए मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोलने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी केंद्र सरकार (Central Government) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) से मंजूरी के अधीन है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अधिकारियों ने कहा कि अगर उन्हें केंद्र से मंजूरी मिल जाती है तो वे कम से कम दो प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज शुरू करने की स्थिति में होंगे. West Bengal: CM ममता बनर्जी के लिए बड़ा दिन, जस्टिस कौशिक चंदा की सिंगल बेंच नंदीग्राम के नतीजे को चुनौती देने वाली याचिका पर करेगी सुनवाई
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने छह नए मेडिकल कॉलेजों का प्रस्ताव दिया है - हुगली जिले के आरामबाग में, हावड़ा जिले के उलुबेरिया में, उत्तर 24 परगना के बारासात में, पूर्वी मिदनापुर में तमलुक, झज्जरग्राम और जलपाईगुड़ी शामिल हैं.
राज्य सरकार के अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर केंद्र सरकार अनुमति देती है तो वे 2022 सत्र से कम से कम दो मेडिकल कॉलेज चला सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वर्तमान में राज्य प्रति वर्ष 3,400 डॉक्टरों का उत्पादन करता है और हम प्रत्येक नए मेडिकल कॉलेज से 100 डॉक्टरों के साथ शुरूआत करने की उम्मीद करते हैं और उस स्थिति में, यह राज्य में डॉक्टरों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि करेगा."
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आगे कहा, "राज्य ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रस्ताव दिया है और यह ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में भी मदद करेगा."
"एक पूर्ण मेडिकल कॉलेज के लिए, हमें एक अस्पताल में आवश्यक अन्य सभी सुविधाओं के अलावा एक प्रशासनिक भवन और एक छात्रावास की आवश्यकता होती है. अधिकांश जगहों पर जहां मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं, हमारे पास या तो जिला अस्पताल या मल्टी-स्पेशियलिटी है केंद्र और आरामबाग और जलपाईगुड़ी में हमारे पास दोनों हैं."
"ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्च र की समस्या नहीं होगी. बाकी जगहों पर भी हम जल्द ही बुनियादी ढांचे के विकास की उम्मीद करते हैं."
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के विकास के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की जरूरत है और इसके लिए 60 फीसदी पैसा केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार मुहैया करा रही है.
अधिकारी ने कहा, "राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्र सत्यापन के लिए अधिकारियों को भेजेगा. निरीक्षण समाप्त होने के बाद वह मंजूरी देगी."
राज्य सरकार को उम्मीद है कि एक बार केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद यह ना केवल राज्य में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद करेगी बल्कि साथ ही ग्रामीण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास में भी मदद करेगी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "कोविड महामारी के दौरान शहरी क्षेत्रों के स्वास्थ्य ढांचे में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन इस तरह, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं हुआ है. एक बार मेडिकल कॉलेज बनने के बाद यह ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने में मदद करेगा."