केरल: वायनाड के प्रसिद्ध जंगली हाथी मणियन का शनिवार को निधन हो गया. मणियन की मौत के बाद इरुलम गांव और केरल के बाकी हिस्सों के लोग बहुत दुखी हैं. 36 वर्षीय हाथी पर जंगली हाथियों के झुंड ने हमला किया था. मणियन को बेथेरी के पास कुरिचेदु जंगल के पास बेजान पाया गया. मणियन कोई साधारण जंगली हाथी नहीं था. वह एक बहुत ही मिलनसार हाथी था और यहां तक कि वायनाड और इरुलम के ग्रामीणों के साथ उसके संबंध बहुत ही अच्छे और मजबूत थे. मणियन इरुलम के पास के जंगलों में और लोगों के करीब रहता था, वो शायद ही कभी घने जंगलों में जाता हो. इरुलम के ग्रामीणों का 5 वर्षों से मणियन के साथ इमोशनल रिश्ता था, वो उसे नियमित रूप से खाना खिलाते थे. खबरों के मुताबिक मणियन तुरंत इरुलम के ग्रामीणों के बुलावे का जवाब देता था और खाना खाने के लिए उनके पास जाता था.
इतने साल तक इरुलम के लोग केवल मणियन के साथ रहे नहीं बल्कि जब वो दो बार घायल हो गया तो उसके इलाज के लिए वन विभाग के अधिकारीयों को संपर्क किया. नवंबर 2018 में सोशल मीडिया पर एक अभियान तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें लोग वन विभाग अधिकारियों को मणियन के बढ़े हुए दांत काटने की मांग कर रहे थे, क्योंकि वो अपने लंबे दांतों की वजह से ठीक से खा नहीं पा रहा था. जिसके बाद उसे निगरानी में रखा गया और उसका स्वास्थ्य भी अच्छा हो गया.
देखें ट्वीट:
Kerala: Maniyan, a 30-year-old elephant, died in Pullumala forest range of Wayanad district, allegedly after being attacked by another elephant. pic.twitter.com/fYwmnNS1km
— ANI (@ANI) September 8, 2019
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वन्यजीव अभयारण्य वार्डन एनटी साजन ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि मणियन अपने बढ़े हुए दांत के बावजूद खुद खाना काने की कोशिश करता था. जिसके बाद वन विभाग ने मणियन के दांत के साथ छेड़छाड़ न करने का फैसला लिया और जंगली जानवरों पर मानव हस्तक्षेप से जितना हो सके बचने की कोशिश की. दांत को ट्रिम करने जैसी गतिविधियां सिर्फ बंदी हाथियों पर की गई थीं. ये जानवरों के साथ नहीं किया गया क्योंकि यह प्राकृतिक चयन प्रक्रिया को बाधित करेगा.
हालाँकि, वन विभाग के अधिकारियों को मणियन की मदद करने के लिए बहुत से फोन आए थे, जिसके बाद उन्होंने उसकी स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए उसका निरीक्षण किया. मणियन का इरुलम के लोगों के साथ रिश्ता बहुत अनोखा था. उसने कभी भी यहां के लोगों की फसलों को न कभी बर्बाद किया और न ही कभी उन्हें परेशान किया.