लखनऊ, 11 अप्रैल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को अब दुनिया में संस्कृत शहर (Sanskrit city) के रूप में जाना जाएगा. वाराणसी में संस्कृत विद्यालयों की संख्या सबसे अधिक है और साथ ही संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक है. वाराणसी में 110 से अधिक संस्कृत विद्यालय कार्यरत हैं. नए सत्र से इस टैली में दो और जोड़े जाएंगे, जबकि योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा राज्य भर में 13 नए संस्कृत विद्यालय खोले जाने वाले हैं. सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार माध्यमिक और बेसिक शिक्षा निदेशालय की तर्ज पर संस्कृत निदेशालय की स्थापना करने जा रही है.
निदेशालय के निर्माण के बाद, संस्कृत भाषा को एक नई पहचान मिलेगी. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में पहली बार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत में सरकारी प्रेस नोट जारी करना शुरू किया. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से संस्कृत में ट्वीट भी किया. मुख्यमंत्री की पहल के बाद, संस्कृत बोर्ड ने भी राज्य में संस्कृत भाषा को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना शुरू कर दिया है. अधिकारियों के अनुसार, राज्य को 13 नए संस्कृत विद्यालय मिलेंगे और ये विद्यालय अपने निर्धारित मानकों को पूरा कर चुके हैं. इनमें से दो काशी में और एक जौनपुर में खोला जाएगा. यह भी पढ़ें : UP Panchayat Elections 2021: रेप केस में सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता का कटा टिकट, BJP ने बनाया था उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद द्वारा कुल 1,164 संस्कृत विद्यालय चलाए जा रहे हैं, जिनमें 971 विद्यालय अनुदानित विद्यालय हैं. इन संस्कृत विद्यालयों में 97,000 से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं. संस्कृत विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए, कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा और एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं. राज्य में लगभग 200 'गुरुकुल' संस्कृत स्कूलों में 4,000 से अधिक छात्रों को मुफ्त भोजन और छात्रावास की सुविधा प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है.